fbpx


तो भारत की अंडर 19 टीम ने उम्मीद को सही साबित किया और वर्ल्ड कप चैंपियन बन गए। कप्तान यश ढुल और उनके क्रिकेटर हीरो। वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान के तौर पर उनका नाम रिकॉर्ड का हिस्सा बन गया। आगे का कोई नहीं जानता- वे ‘विराट कोहली’ बनेंगे या ‘उन्मुक्त चंद’? ये दो नाम अंडर 19 से सीनियर क्रिकेट के सफर की अलग-अलग तरह की मिसाल हैं और संयोग से यश ढुल से पहले यही दो ऐसे भारतीय कप्तान थे जिन्होंने अंडर 19 वर्ल्ड कप में सेंचुरी बनाई थी और ये दोनों भी दिल्ली क्रिकेट के नाम हैं।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड की मौजूदा पॉलिसी के हिसाब से इस टीम के क्रिकेटरों में से कोई भी अगले 19 वर्ल्ड कप में नहीं खेलेगा- इसका मतलब है अब क्रिकेट में आगे बढ़ना है तो अगली पायदान पर पैर रखना होगा।  इस नज़रिए से जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है वह यश ढुल का है।  
कौन हैं ये यश ढुल? जन्म दिल्ली में। भारत की अंडर 16 और अंडर 19 टीम के कप्तान रह चुके हैं। 2021 में अंडर 19 एशिया कप में भी वही कप्तान थे- इसी बदौलत इस वर्ल्ड कप टीम के कप्तान बनने के सबसे जोरदार दावेदार थे। सितंबर-अक्टूबर 2021 में, वीनू मांकड़ ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन- दिल्ली के लिए 5 मैच में 75.50 औसत से 302 रन बनाए। जो सफर 11 साल की उम्र में बाल भवन स्कूल एकेडमी से शुरू हुआ- वह अब इस मुकाम पर है कि आईपीएल और सीनियर क्रिकेट के दरवाजे खुल रहे हैं।  
हालांकि यश के परिवार की कहानी ऐसी नहीं कि ‘गरीब’ कहकर उसकी चर्चा करें पर ज्यादातर अन्य युवा खिलाड़ियों की तरह उनके परिवार ने भी, उनके खेल करियर के लिए अपने साधन सीमित किए- खर्चों में कटौती की। पिता ने बैट अपग्रेड करने के खर्चे में कोई कटौती नहीं की- पूरी कोशिश की कि सबसे अच्छी किट और गियर मिले। बेहतरीन इंग्लिश विलो बैट दिए।  
संयोग से ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सेमीफाइनल से पहले यश ढुल को एक ऑफिशियल इंटरव्यू में उनके जिन दो सीनियर क्रिकेटरों का करियर ग्राफ याद दिलाया गया वे विराट कोहली और उन्मुक्त ही थे। अंग्रेजी में सवालों पर बातचीत के लिए मदद के तौर पर ट्रांसलेटर मौजूद था वहां- ये भी एक सबक है कि खेलना जरूरी है तो पढ़ना भी। यश ने माना- ‘मुझे दोगुनी मेहनत करनी होगी।’
भारत ने रिकॉर्ड पांचवें टाइटल को जीता। भारत जैसा अंडर 19 क्रिकेट में किसी भी देश का दबदबा नहीं रहा है। एंटीगा में फाइनल में जीत का मतलब है 5 वर्ल्ड कप टाइटल के साथ 3 और टूर्नामेंटों में फाइनल में थे। बैंच से चुनौती कैसी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोविड ने भी टीम के जीत के सफर को नहीं रोका। उस पर हालत ये कि जब वे फिट हुए तो दिमाग में ये सवाल था कि क्या उन्हें कप्तानी वापस मिलेगी? लक्ष्मण ने विश्वास दिलाया कि जैसे ही वापस आएंगे- वह ही टीम की कप्तानी करेंगे।
टीम हावी रही- अगर टूर्नामेंट का सबसे बड़ा टीम स्कोर (405/5 विरुद्ध  युगांडा) बनाया तो टूर्नामेंट का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर (राज बावा- 162*) पोस्ट किया। इतना ही नहीं- किसी टीम को 200 से ज्यादा रन नहीं बनाने दिए।

इस बात की कोई गारंटी नहीं कि इनमें से हर खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी बन जाएगा पर टीम में बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पास ऐसा करने की टेलेंट और रवैया है। बाकी का काम अब मेहनत पर है। कप्तान यश ढुल के सामने विराट कोहली, उन्मुक्त चंद, पृथ्वी शॉ और मोहम्मद कैफ की कप्तान के तौर पर कामयाबी की मिसाल थी। अब वे सिर्फ विराट कोहली
को देखें। जूनियर टीम को टाइटल दिलाने वाले इस दूसरे कप्तान ने कुछ महीने बाद सीनियर टीम में जगह बना ली थी और कुछ साल बाद वाइट बॉल टीमों के नियमित खिलाड़ी बन गए। आज भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान  के तौर पर उनकी चर्चा होती है।  

यश ढुल का कई फ्रेंचाइजी के रडार पर होना तय है। बल्लेबाजी के अलावा, दिल्ली का यह क्रिकेटर एक तेज-तर्रार फील्डर है और कप्तान के लिए सही दिमाग। आईपीएल की नीलामी हर दिन चर्चा में थी पर ध्यान लगाया मौजूदा मैचों पर। ढुल का बेस वर्ग 20 लाख रूपए वाला है- एक को छोड़कर बाकी सभी अंडर-19 खिलाड़ियों के बराबर (सिर्फ हैंगरगेकर 30 लाख रुपए)  पर वे कई टीम के फोकस में होंगे। इससे भी आगे- एक बड़ी चुनौती उनका इंतजार कर रही है, इस सवाल के साथ- विराट कोहली या उन्मुक्त चंद?

  • चरनपाल सिंह सोबती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *