मार्नस लाबुशेन ने एडिलेड में दूसरे टेस्ट में, न सिर्फ अपना पहला एशेज शतक बनाया- ऑस्ट्रेलिया की 275 रन की जीत में 103 और 51 रन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। इसी कामयाबी का अगला पड़ाव- आस्ट्रेलिया के टेस्ट नंबर 3 मार्नस लाबुशेन आईसीसी टेस्ट प्लेयर रैंकिंग में नंबर 1 बल्लेबाज बन गए। जो रूट को नंबर 1 से हटाया जो इस साल अगस्त से टॉप पर थे- करियर की सर्वश्रेष्ठ 912 रेटिंग के साथ लाबुशेन, आगे निकल गए रूट (897) से। इंग्लैंड के कप्तान ने एक कैलेंडर साल में सबसे ज्यादा टेस्ट रन का इंग्लिश रिकॉर्ड तोड़ा पर नंबर 1 का टाइटल नहीं बचा।
मार्नस लाबुशेन टेस्ट दर टेस्ट अपनी रेंकिंग बेहतर करते रहे और जानकार अन्य दूसरे बल्लेबाज को चर्चा में लेकर सबसे बेहतर की बहस में लगे रहे। बड़ा हैरान करने वाला सफर है लाबुशेन का :
- अक्टूबर, 2018- पाकिस्तान के विरुद्ध दुबई में टेस्ट डेब्यू। स्कोर- 0 (दूसरी गेंद पर) और 13 रन। दूसरे टेस्ट में 25 और 43 रन। औसत: 20.25 और रैंकिंग: 110 थी।
- 2018-19 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले तीन मैचों में टीम से बाहर और सिडनी टेस्ट में वापसी- स्कोर 38 रन। हैरानी ये थी कि ऑस्ट्रेलिया ने प्रमोशन देकर नंबर 3 बना दिया।
- इस बदौलत अगले दो टेस्ट खेल गए- स्कोर 81,6 और 4 रन।औसत: 26.25, रैंकिंग: 95 थी।
- मार्नस लाबुशेन के पहले चार टेस्ट ऐसे दौर में थे जब टॉप बल्लेबाज डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ टीम से बाहर थे। वे लौटे तो लाबुशेन टीम से बाहर पर एशेज टीम में बने रहे।
- फिर से स्मिथ की गैरमौजूदगी लाबुशेन के लिए बोनस। टीम में वापसी की और उसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा। दूसरे एशेज टेस्ट में दूसरी पारी में स्मिथ के लिए कनकशन सब्स्टीट्यूट- इस रोल में 59 रन की वह पारी खेली जिसने लॉर्ड्स में एक ख़ास ड्रॉ हासिल करने में मदद दी। काउंटी क्रिकेट खेलने का अनुभव काम आया- सीरीज में चार अर्धशतक और 50.42 औसत। औसत: 37.53, रैंकिंग: 35 थी।
- अब ये साफ़ हो गया था कि लाबुशेन कितने खास हो सकते हैं- गाबा में पहला टेस्ट शतक (279 गेंदों पर 185) और एडिलेड ओवल डे-नाइटर में 162 तथा पाकिस्तान के विरुद्ध सीरीज में 2 टेस्ट में कुल 347 रन।
- न्यूजीलैंड के विरुद्ध पर्थ में 143- यानि कि लगातार तीन पारियों में तीन शतक। बिना शतक दो टेस्ट खेलने के बाद अपना पहला दोहरा शतक (215) और सीज़न में चार शतक और तीन अर्द्धशतक के साथ 896 रन। 2019 के शुरू में जो औसत 20.25 थी- जनवरी 2020 में 63.43 थी। औसत: 63.43, रैंकिंग: 3 थी।
- भारत के विरुद्ध 47,6 ,48 और 28 के स्कोर के बाद एससीजी में रोमांचक मैच में 91 और 73 तथा गाबा में शतक (108)। औसत: 60.8 ,रैंकिंग: 3 थी।
- अब एशेज में गाबा में 74 और दूसरे टेस्ट में रिकॉर्ड ही रिकॉर्ड। कुल मिलाकर टेस्ट में छठा शतक बनाया। औसत: 62.14,रैंकिंग: 1 थी।
इस सफर के दौरान लाबुशेन एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनाते गए पर जब नंबर 1 बने तो क्रिकेट की दुनिया अचानक ही जगी। ये 20 टेस्ट में नंबर 1 बनने की अनोखी दास्तान है। देखिए :
- 9 वें बल्लेबाज़ जिसने 900 रेटिंग अंक हासिल किए (ऑस्ट्रेलिया से उनसे पहले : सर डॉन ब्रैडमैन, रिकी पोंटिंग, मैथ्यू हेडन, स्टीव स्मिथ, माइकल क्लार्क)।
- पहली बार रैंकिंग में नंबर 1 बने।
- एडिलेड टेस्ट के दौरान 2,000 टेस्ट रन के लिए खेली गई पारी के हिसाब से पांचवें सबसे तेज बल्लेबाज।
- अब कुल टेस्ट रिकॉर्ड- 62.14 औसत से 2,113 रन।
- कम से कम 20 पारी खेलने वालों में 62.14 औसत से नंबर 2 पर (उनसे बेहतर : सिर्फ डॉन ब्रैडमैन 99.94)।
- टेस्ट डेब्यू से नंबर 1 रैंकिंग बल्लेबाज बने 1173 दिन में (उनसे कम : 971- जो रूट; उनसे ज्यादा :1799- स्टीव स्मिथ, 1875- केन विलियमसन, 2603- विराट कोहली)।
- ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ की टॉप आईसीसी रैंकिंग : 961 (1948) डॉन ब्रैडमैन, 947 (2017) स्टीव स्मिथ, 942 (2006) रिकी पोंटिंग, 935 (2002) मैथ्यू हेडन, 922 (1970) डग वाल्टर्स, 921 (1953) नील हार्वे, 921 (2008) माइक हसी, 912 (2021) मार्नस लाबुशेन और 900 (2012) माइकल क्लार्क।
- मार्नस लाबुशेन के नाम 20 टेस्ट खेलने के बाद 912 रेटिंग अंक- 20 या उससे कम टेस्ट खेलने के बाद सिर्फ जॉर्ज हेडली के नाम उनसे ज्यादा रेटिंग अंक (1948 में 915 अंक)।
बस एक चुनौती बची है- ऑस्ट्रेलिया ने कोविड -19 महामारी की शुरुआत के बाद से विदेशी धरती पर कोई टेस्ट नहीं खेला है। ये इम्तहान बाकी है- ख़ास तौर पर भारत की स्पिन को मदद देने वाली पिच।
- चरनपाल सिंह सोबती