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टी 20 वर्ल्ड कप 2021 के जिन दो लम्हों को सबसे ज्यादा चर्चा मिली उनमें से 1. शाहीन शाह अफरीदी की स्विंग और तेजी जिसने दुबई में भारत को ऐसा झटका दिया कि सेमीफाइनल की कोशिश ही पटरी से उतर गई और 2. जब दूसरा सेमीफाइनल नाजुक मुकाम पर था तो इसी शाहीन की गेंदों पर मैथ्यू वेड के छक्के।

अफरीदी ने अपने पहले तीन ओवर में सिर्फ 13 रन दिए थे और एरोन फिंच का विकेट। स्टोइनिस (31 गेंदों में 40) और वेड (17 गेंदों में 41) ने हार मानने से इनकार कर दिया। अफरीदी का चौथा ओवर- पहली तीन गेंदों में सिर्फ चार रन और ऐसा लग रहा था कि वह फिर से पाकिस्तान के हीरो होंगे।अगली तीन गेंद- फाइन लेग बाउंड्री के ऊपर से 6, मिड विकेट पर 6 और फाइन लेग पर स्कूप से एक और 6। मैच ही पलट गया (अफरीदी के आंकड़े 4-0-35-1 हो गए) और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में।

कोई बड़ा नाम नहीं- इसीलिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी फौरन ट्वीट कर दिया: “मैथ्यू हू? वेड!” वास्तव में सवाल सही है- कौन है ये मैथ्यू वेड? कोई बड़ा नाम नहीं- एक ऐसा खिलाड़ी :

  • जो ये मानकर इस मैच में खेल रहा था कि यह ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का आखिरी मौका हो सकता है।
  • ऐसा विकेटकीपर- बल्लेबाज़ जिसे टीम में चुना था बिग बैश में ओपनर के तौर पर रिकॉर्ड देखकर और खेल रहे थे नंबर 7 पर फिनिशर के रोल में।
  • अपने 34वें जन्मदिन के करीब, ऐसा खिलाड़ी जो अक्सर टी 20 खेलते हुए गुनगुनाता है।
  • जिसे आईपीएल में कोई नहीं खरीदता- सिर्फ 2011 में 3 मैच खेले (22 रन, कोई कैच नहीं- कोई स्टंप नहीं)।
  • पिछले टी 20 वर्ल्ड कप के बाद से, एलेक्स कैरी, टिम पेन और पीटर हैंड्सकॉम्ब को विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर आजमाने के बाद वेड को मौका दिया।
  • ऐसा खिलाड़ी जिसे भारत में- विराट कोहली, आर अश्विन और ऋषभ पंत से पंगा लेने के लिए ज्यादा याद किया जाता है।

सिर्फ ये ही मैथ्यू वेड का पूरा परिचय नहीं है। और देखिए :

  • वह एक कैंसर सर्वाइवर है। 16 साल की उम्र में, टेस्टिकुलर कैंसर का पता चला- दो राउंड कीमोथेरेपी हुई तो जान बची। इसका पता भी संयोग से लगा- फुटबॉल खेलते हुए कमर में चोट लगी तो उसका इलाज चल रहा था।
  • मैथ्यू वेड को लगा अब पेशेवर क्रिकेट कभी नहीं खेल पाएंगे- इसलिए प्लंबर बन गए।
  • दाहिने बाजू पर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और दोस्त फिलिप ह्यूज का टैटू बनवाया है (जिनकी 2014 में गेंद लगने से मौत हो गई थी)। यहां तक कि मैथ्यू वेड के बैट पर फिलिप ह्यूज का टेस्ट कैप नंबर 408 लिखा है। यह दोस्ती की अनोखी मिसाल है।
  • 2006 आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप खेले।
  • वह कलर ब्लाइंड है- कुछ क्रिकेट गेंदों के रंग साफ़ नहीं दिखाई देते।
  • ये मालूम होते हुए भी कि कलर ब्लाइंड है- ऑस्ट्रेलिया ने गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में खिलाया दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध (2016 में)। घरेलू शेफील्ड शील्ड मैचों में भी गुलाबी गेंद वाले मैच खेले हैं। ऑस्ट्रेलिया ने ओपनर क्रिस रोजर्स की मिसाल जानते हुए भी ऐसा किया- वे भी कलर ब्लाइंड थे और 2014 में गुलाबी गेंद वाले मैच में खेलने से खुद इंकार कर दिया था।
  • घटिया विकेटकीपिंग की वजह से लगभग तीन साल टेस्ट टीम से बाहर किए गए।
  • ऐसे में काम तो चाहिए था- इसलिए बढ़ई बन गए और 9-10 महीने घर से काम किया।
  • क्रिकेट तब भी खेलते रहे। वापसी की शुरुआत तब हुई जब एशेज से पहले मैथ्यू वेड को ‘ए’ टीम टूर के लिए चुना गया। उन्होंने अपनी पत्नी जूलिया को फोन किया और कहा कि वह टूर पर जाने से इंकार कर रहे हैं- असल में उन्हीं दिनों में पत्नी बच्चे को जन्म देने वाली थी और वे उसके करीब
    रहना चाहते थे। जूलिया ने ऐसा करने से रोक दिया।
  • खुद जूलिया ने क्या किया- चुपचाप डॉक्टर से कहा कि तय तारीख से पहले ही डिलीवरी करा दो। डॉक्टर मान गए- वेड ने बच्चे को देखा और टूर पर चले गए।

मैथ्यू वेड की यह कहानी इस बात की मिसाल है कि इरादा मजबूत हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं। मैथ्यू वेड सेमीफाइनल में जैसे खेले, वह काबिले तारीफ था। उनकी पारी की बदौलत, ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचा और अंततः वर्ल्ड कप पर कब्जा कर लिया।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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