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टी 20 वर्ल्ड कप 2021 ने साबित कर दिया कि जीत का कोई तय फार्मूला नहीं- ऑस्ट्रेलिया तो फेवरिट भी नहीं था वर्ल्ड कप में पर उनका हर फैसला जैकपॉट साबित हुआ। जरा सोचिए- वे तो लगातार पांच टी 20 सीरीज हारने (उन्हें बांग्लादेश ने एक बार तो 62 रन पर आउट कर दिया था) के बाद इस वर्ल्ड कप में खेलने आए थे पर बड़ी चालाकी से दो टीम वाली सीरीज के टी 20 मैचों के लिए खिलाड़ियों को अक्सर आराम कराते रहे। यूएई में आईपीएल खेलने का जो फायदा उनके क्रिकेटरों ने उठाया- और किसी टीम के क्रिकेटरों ने नहीं।

वर्ल्ड कप में भी उनका संघर्ष ग्रुप स्टेज में तब तक जारी था जब उन्हें इंग्लैंड ने हराया था। कोई न कोई ऐसी बात थी जिसने उन्हें अब टी 20 में भी वर्ल्ड चैंपियन बनाया है। रिकॉर्ड भी उनके साथ था क्योंकि न्यूजीलैंड ने 1981 के बाद से कभी ऑस्ट्रेलिया को किसी मल्टी नेशन टूर्नामेंट के बड़े मैच में नहीं हराया है। तब से दोनों टीमें एक-दूसरे से 17 बार खेल चुकी हैं- ऑस्ट्रेलिया की सभी में जीत।

लगता है वाइट बॉल क्रिकेट के आईसीसी टूर्नामेंट न्यूजीलैंड को रास नहीं आ रहे- लगातार तीन फाइनल में हार चुके हैं। केन विलियमसन के 48 गेंदों में 85 रन की बदौलत धीमी पिच पर बने 172-4 के जवाब में 10 ओवर तक ऑस्ट्रेलिया फेवरिट नहीं था पर अब अपनी महिला टीम की तरह वे भी टी 20 वर्ल्ड चैंपियन हैं।

असल में ऑस्ट्रेलिया को तो मैच से पहले ही एक विकेट तब मिल गया था जब कॉनवे ने अपने बैट पर मुक्का मारते हुए हाथ तोड़ लिया और न्यूजीलैंड के मिडिल आर्डर को कमज़ोर कर दिया। मिडिल आर्डर की तेजी से रन न बनाने की कमज़ोरी (कप्तान के 177+ स्ट्राइक रेट के मुकाबले बाकी बल्लेबाज़ के 73 गेंद में सिर्फ 78 रन और एक मुकाम ऐसा जब 32 गेंद में एक भी बॉउंड्री शॉट नहीं) हार की एक बड़ी वजह बनी।

ऑस्ट्रेलियाई तरीका है करो या मरो और इसे डेविड वार्नर पर लागू किया। वार्नर को तो आईपीएल के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद ने टीम से भी निकाल दिया पर अपनी क्लास तब दिखाई जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी। वार्नर, सबसे महान टी 20 बल्लेबाजों में से एक, ने फॉर्म वापसी की- सुपर 12 में दो स्कोर 50 के, सेमीफाइनल में तेज 49 और फाइनल में 38 गेंद में 53 रन। साथ में मेन ऑफ़ द टूर्नामेंट भी।

इसी तरह गेंदबाजी में एडम ज़म्पा चमके और प्रभावित किया- 7 मैच में 13 विकेट। सेमीफाइनल- बीच के ओवरों में 1-22 लेकर पाकिस्तान को दबा दिया और फाइनल में 4 ओवर में सिर्फ 26 रन दिए और गुप्टिल का कीमती विकेट।

ये तो हुई क्रिकेट की बात। किस्मत भी ऑस्ट्रेलिया के साथ थी। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी और अपने-अपने सेमीफाइनल जीते। फाइनल से पहले का रिकॉर्ड: दुबई में सभी 9 नाईट मैच में दूसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने वाली टीम की जीत। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने कीमती टॉस जीता, फील्डिंग को चुना- बाकी इतिहास है। ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट में 7 में से 6 टॉस जीते- हर बार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल की।

ऑस्ट्रेलिया के सेलेक्टर भी तारीफ के हकदार हैं और टीम चुनने का फार्मूला बिलकुल सही रहा। मास्टर स्ट्रोक :

  • मैथ्यू वेड को टूर्नामेंट के लिए चुना बिग बैश लीग में शानदार ओपनिंग रिकॉर्ड देखकर पर खिला दिया मिडिल आर्डर में।
    टॉप 7 शुद्ध बल्लेबाज़ का फार्मूला हर टीम को रास नहीं आता- ऑस्ट्रेलिया को आ गया। और देखिए – टॉप 7 में से,ग्लेन मैक्सवेल को छोड़ कर बाकी सभी वास्तव में टॉप 3 में खेलने वाले बल्लेबाज़ हैं।
  • इसीलिए विशेषज्ञ फिनिशर- जोश इंगलिस या टिम डेविड को न खिलाकर वेड को नई चुनौती में डाल दिया। जिन वेड ने 2016 के बाद से घरेलू/ इंटरनेशनल क्रिकेट में कभी टी 20 मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की थी, इस टूर्नामेंट में दो बार- हर बार, अपने दोस्त मार्कस स्टोइनिस के साथ (वे भी नंबर 6 पर खेले हालांकि ओपनर हैं) और जीत में मदद की- स्टोइनिस और वेड ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 26 गेंदों में 40 रन और पाकिस्तान के खिलाफ, सिर्फ 40 गेंदों में 81 रन जोड़े। अफरीदी की गेंद पर वेड के असाधारण लगातार तीन छक्कों ने जीत पर मुहर लगा दी।
  • ग्लेन मैक्सवेल की ऑफ स्पिन काम में आ गई। ऑस्ट्रेलिया को सही अटैक मिला। विश्वास कीजिए- टेस्ट तेज गेंदबाजों की तिकड़ी – पैट कमिंस, जोश हेज़लवुड और मिशेल स्टार्क- टी 20 में ऑस्ट्रेलिया के लिए पहली बार एक साथ खेले हैं।

यह सब देखते हुए, ऑस्ट्रेलिया संभवतः बिना गलती खेला और चैंपियन बना। पांच 50 ओवर वर्ल्ड कप जीतने के बाद, अब सफेद गेंद का सेट पूरा कर लिया है- अगले साल टाइटल का बचाव करने में घरेलू फायदा मिलेगा। न्यूजीलैंड जीता होता तो फाइनल को विलियमसन की पारी के लिए याद करते, अब मार्श सुर्खियां बटोर रहे हैं। टेस्ट चैंपियनशिप की कामयाबी को देखते हुए, 2021 न्यूजीलैंड के लिए एक ऐतिहासिक साल रहा है हालांकि 2015 और 2019 के 50 ओवर वर्ल्ड कप फाइनल के साथ अब टी 20 वर्ल्ड कप में हारने को वे भूलेंगे नहीं।

इंग्लैंड के लिए चिंता- यह जीत पहले एशेज टेस्ट से महज 24 दिन पहले मिली।

  • चरनपाल सिंह सोबती
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