भारत में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 और मुकाबले पर 10 टीम। टूर्नामेंट का स्वरुप वही है जो इंग्लैंड और वेल्स में 2019 विश्व कप में था। इस वर्ल्ड कप की क्वालिफिकेशन प्रक्रिया में 32 देश ने हिस्सा लिया और जिन 10 टीम ने खेलना है- उनमें से 8 टीम के नाम अब तक मिल चुके हैं आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप सुपर लीग में रैंक के आधार पर। इस वनडे लीग (जून 2020 से मई 2023) में 13 टीम थीं- नीदरलैंड और आईसीसी के 12 पूर्ण सदस्य (टेस्ट टीम)। नीदरलैंड ने 2017 में आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग चैंपियनशिप जीतकर इस सुपर लीग के लिए क्वालीफाई किया था।
इसे एक राउंड-रॉबिन टूर्नामेंट की तरह खेले- हर टीम के 24 मैच जिसमें से 12 अपनी पिचों पर और 12 बाहर। एक जीत के 10 पॉइंट जबकि मैच न हो पाने या बिना किसी परिणाम खत्म होने पर दोनों टीम को 5-5 पॉइंट।ऑफिशियल तौर पर न्यूजीलैंड इस लीग का विजेता और पॉइंट्स (15 मई 2023 तक) के आधार पर सीधे क्वालीफाई करने वाली 8 टीम- न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, बांग्लादेश, भारत (मेजबान के नाते भी सीधे एंट्री मिल जाती), पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, अफ़ग़ानिस्तान और दक्षिण अफ्रीका।
नोट कीजिए- विश्व कप विजेता वेस्टइंडीज (2), श्रीलंका (1), जिंबाब्वे और आयरलैंड जैसी टीम नहीं हैं इसमें। इसका मतलब ये नहीं कि इनके लिए विश्व कप में खेलने के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। अब आ रहा है क्वालीफाइंग टूर्नामेंट, जिससे बची दो टीम मिलेंगी वर्ल्ड कप के लिए। ये कोई साधारण टूर्नामेंट नहीं- वर्ल्ड कप विजेता वेस्टइंडीज, श्रीलंका, जिंबाब्वे और आयरलैंड जैसी टीम भी खेलेंगी इसमें। इसका आयोजन अब 18 जून से हो रहा है जिम्बाब्वे में। इसमें भी 10 टीम खेल रही हैं। ये 10 टीम कैसे तय हुईं?
सुपर लीग से नीचे की 5 टीम : वेस्टइंडीज, श्रीलंका, आयरलैंड, जिंबाब्वे और नीदरलैंड।
आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 से आई 3 टीम : नेपाल, ओमान और स्कॉटलैंड।
2023 वर्ल्ड कप क्वालीफायर प्ले-ऑफ की टॉप 2 टीम : यूएसए और यूएई।
तो अब ये क्वालीफायर है जिम्बाब्वे में 18 जून से- 9 जुलाई 2023 तक।ये क्वालीफाइंग टूर्नामेंट 2023 वनडे वर्ल्ड कप की दावेदार टीमों के लिए क्वालीफाई करने का आख़िरी पड़ाव है। इस क्वालीफाइंग टूर्नामेंट को डीआरएस के बिना खेलेंगे लेकिन रन-आउट को रेफर किया तो थर्ड अंपायर मदद करेगा। मार्च 2018 में जिम्बाब्वे में जब 2019 वर्ल्ड कप क्वालीफायर खेले थे तो 34 मैच में से सिर्फ 10 में थर्ड अंपायर ड्यूटी पर थे (वही मैच जो टीवी पर देखे गए)- इसकी तुलना में, इस बार सभी मैच में थर्ड अंपायर ड्यूटी पर होगा।
आज जबकि हर मैच अल्ट्रा एज या बॉल-ट्रैकिंग के साथ खेलना एक परंपरा सा बन गया है- क्या इस टूर्नामेंट में इनकी कमी महसूस नहीं होगी? अगर 2018 के टूर्नामेंट पर नजर डालें तो उसे देखते हुए ये चिंता का मसला है। तब वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान ने इंग्लैंड में 2019 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन विवाद के बिना नहीं। वेस्टइंडीज ने बारिश से प्रभावित मैच में स्कॉटलैंड को 5 रन से हराकर अपना स्थान बुक किया था। एक समय स्कॉटलैंड 32वें ओवर में 105-4 पर था और वे आगे थे। तभी रिची बेरिंग्टन को एशले नर्स की गेंद पर एलबीडब्ल्यू दे दिया और सारी गणना ही बदल गई- तब डीआरएस न होने से, बेरिंग्टन रिव्यू नहीं ले सके थे। इसी
तरह, नामीबिया के विंडहोक में हाल ही में खेले क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वालीफ़ायर प्लेऑफ़ में भी डीआरएस नहीं था और कई बार इसकी कमी महसूस की गई।
इस 18 जून से शुरू हो रहे क्वालीफायर में जो टीम खेल रही हैं उनमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाला नाम नेपाल है- उनका इसमें खेलना किसी चमत्कार से कम नहीं। जब नेपाल ने यूएई को हराकर क्वालीफायर में जगह बनाई तो त्रिभुवन यूनिवर्सिटी ग्राउंड पर हजारों क्रिकेट प्रेमी मौजूद थे। अपने आख़िरी 12 मैच में नेपाल को 11 जीत की जरूरत थी तो कौन सोच सकता था उनके क्वालीफाई करने के बारे में? हर जीत बेहद रोमांचक और हर जीत के पीछे कोई न कोई स्टोरी- यहां तक कहा गया कि उन 12 मैच में से हर एक पर किसी नेटफ्लिक्स सीरीज का एक एपिसोड बना सकते हैं।
- चरनपाल सिंह सोबती