पिछले दिनों दो अलग-अलग क्रिकेट मैचों के दौरान डैड बॉल को लेकर ऐसी बातें हुईं जिन्हें जानना जरूरी है क्योंकि ऐसा आख़िरी बार नहीं हुआ। अगर आप भी क्रिकेट खेलते हैं तो देखिए किस तरह से पासा पलट सकता है?
इंग्लैंड में वाइटैलिटी ब्लास्ट फाइनल: रिकॉर्ड- हैम्पशायर हॉक्स ने लेंकशायर लाइटनिंग को हराकर टाइटल जीत लिया, दिन- 17 जुलाई 2022 का। हैम्पशायर ने, कुछ ही मिनट में इस फाइनल को दो बार जीता। कैसे? हैम्पशायर का स्कोर 152-8 और लेंकशायर को आख़िरी गेंद पर जीत के लिए 5 और टाई के लिए 4 रन की जरूरत थी। नाथन एलिस ने रिचर्ड ग्लीसन को बोल्ड किया तो हॉक्स के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया कि टाइटल जीत लिया है- सोविनियर के तौर पर स्टंप उखाड़ लिए और ग्राउंड में आतिशबाजी शुरू हो गई। मैच खत्म होने का, इससे ज्यादा क्या सबूत चाहिए?
किसी ने अंपायर को नहीं देखा- उन्होंने उस आख़िरी गेंद को नो बॉल घोषित कर दिया। खिलाड़ी वापस लौटे। इससे लेंकशायर को फ्री हिट मिल गया यानि कि फाइनल जीतने का अभी भी मौका था। अब जीतने के लिए 3 और टाई के लिए 2 रन की जरूरत- टाई होने पर भी वे ही जीतते अपने बेहतर पावरप्ले रिकॉर्ड की बदौलत।
एलिस की गेंद- ग्लीसन शॉट नहीं लगा पाए पर बाय रन के लिए भाग लिए। एक रन बना और अंपायर ने गेंद को डैड घोषित कर दिया। मैच खत्म और हैम्पशायर ने अपना तीसरा टाइटल जीता और इंग्लैंड में सबसे ज्यादा घरेलू टी 20 टाइटल के लिए लेस्टरशायर के रिकॉर्ड की बराबरी की। लेंकशायर वालों ने शोर मचाया कि पिच पर मौजूद बल्लेबाज जीत वाला रन ले रहे थे तो गेंद डैड कैसे हो सकती है? ये कोई मामूली फैसला नहीं था- इस इशारे ने टाइटल का फैसला कर दिया।
फ़ाइनल के विवाद ने मानो क्रिकेट की दुनिया में आग ही लगा दी और इसीलिए एमसीसी ने बिना देरी स्पष्टीकरण दिया कि जो हुआ उस से बहुत कुछ सीखा जा सकता है- जब तक मैच का नतीजा तय न हो जाए कोई टीम जीत का जश्न शुरू न करे और ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। ऐसे खेल में जहां मिलीमीटर से रन आउट या एक दर्जन रिप्ले में कैच क्लीन घोषित हो सकता है- किसी जल्दबाजी की जरूरत नहीं। एमसीसी ने अंपायर ग्राहम लॉयड और डेविड मिल्स को सही ठहराया। अंपायर लॉयड और मिल्स की दलील ये थी कि बल्लेबाज रिचर्ड ग्लीसन और नॉन-स्ट्राइकर एक रन लेने के बाद रुक गए थे जिससे गेंद डैड हो गई- जब तक फिर से रन के लिए भागने का सोचा, बहुत देर हो गई थी।
एमसीसी का बयान : ‘एक रन बनने के बाद, जैसे ही अंपायर ने गेंद को डैड माना- मैच खत्म हो गया। यहां तक कि गेंदबाज के सिरे के अंपायर ने स्कोर करने वालों को बाय का इशारा कर दिया था। गेंद तब तक डैड हो चुकी थी, क्योंकि अंपायर की नजर में विकेटकीपर के हाथों में, बिना एक्शन, थी ।अब किसी विवाद की जरूरत नहीं- एक बार अंपायर ने फैसला कर लिया कि गेंद डैड है तो उस फैसले को रद्द नहीं किया जा सकता है।’
रिप्ले में साफ़ नजर आ रहा है कि टॉम हार्टले एक बाई के लिए दौड़े लेकिन स्ट्राइकर के सिरे तक पहुंचने पर धीमे हो गए थे। ग्लीसन एक सेकंड रुके और और जैसे ही हार्टले ने जवाब दिया तो फिर से रन लेने भाग लिए पर तब तक हॉक्स का जश्न शुरू हो गया था। फुटेज के विश्लेषण से साफ़ हो गया कि जब अंपायर ने बाय का इशारा किया, तो नॉन-स्ट्राइकर, स्ट्राइकर के विकेट से लगभग चार गज पीछे खड़ा था- जबकि स्ट्राइकर ने भी कोई तेजी नहीं दिखाई थी रन लेने में।
इस सवाल का किसी ने भी जवाब नहीं दिया कि अंपायर डेविड मिल्स और ग्राहम लॉयड ने टीवी अंपायर से सलाह क्यों नहीं की? आखिरकार ये टाइटल का सवाल था। अब ये भी सामने आ गया है कि हैम्पशायर की एक बड़ी गलती अंपायर नजरअंदाज कर गए- फ्री हिट के बाद जो आख़िरी गेंद फेंकी गई उस पर फील्डिंग की सजावट को बदल दिया था (जरूरी 4 के बजाय 30-यार्ड सर्कल के अंदर 3 फील्डर हो गए)- इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए थी। अंपायर इसे पकड़ लेते तो भी मैच का नतीजा बदल जाता। कुल मिलाकर ये कह दें कि किस्मत ही लेंकशायर के साथ नहीं थी तो ज्यादा सही होगा।
दूसरी घटना ज्यादा दूर नहीं हुई। आयरलैंड के बल्लेबाज सिमी सिंह को न्यूजीलैंड के विरुद्ध दूसरे वन डे मैच में बड़ी अजीब वजह से राहत मिली और आउट होने से बच गए।आयरलैंड 216 रन। इसी पारी में, स्कोर 172-6 था जब सिमी सिंह ने ब्लेयर टिकर की एक गेंद को टच किया और विकेटकीपर टॉम लाथम ने कैच पूरा किया। सिमी सिंह आउट पर पिच पर टिके रहे क्योंकि ऑन-फील्ड अंपायरों ने टीवी अंपायर से इस डिलीवरी को फिर से देखने के लिए कहा। ये नहीं मालूम था कि वे क्या देख रहे हैं? असल में हुआ ये कि डिलीवरी के दौरान गेंदबाज की पतलून के पीछे लगा तौलिया गिर गया- इस वजह से ‘डेड बॉल’ का इशारा हुआ और सिमी सिंह बच गए।
लॉ 20.4.2.7 के अनुसार, जब … स्ट्राइकर किसी भी शोर या हरकत से विचलित हो तो अंपायर उस गेंद को ‘डैड’ घोषित करेंगे। उस दिन वैसे किस्मत पूरी तरह से सिमी सिंह के साथ थी। वे एक करीबी स्टंपिंग कॉल से भी बचे- लैथम ने गेंद स्टंप पर हिट की पर जब तक बेल्स वास्तव में हटी- सिमी सिंह का पैर क्रीज में वापस आ गए थे।
ये है क्रिकेट का रोमांच।
- चरनपाल सिंह सोबती
Hi! Would you mind if I share your blog with my twitter group? There’s a lot of folks that I think would really appreciate your content. Please let me know. Thank you
Very efficiently written information. It will be valuable to everyone who utilizes it, as well as myself. Keep doing what you are doing – for sure i will check out more posts.