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इंग्लैंड के विरुद्ध टी20 की सीरीज की तैयारी की बात करें तो कप्तान हरमनप्रीत को 10 ही दिन मिले बिग बैश में खेलने के बाद पर वे भी जानती हैं कि इस सीजन में सबसे बड़ी चुनौती वे 2 टेस्ट हैं जो टीम इंडिया खेल रही है। वे भारत की स्टार और बेहद अनुभवी क्रिकेटर हैं पर नोट कीजिए- 2021 के बाद से कोई टेस्ट नहीं खेला है और भारत में तो 2014 के बाद से कोई नहीं। टेस्ट की तैयारी के लिए क्या बीसीसीआई ने उनके या बाकी की क्रिकेटर के लिए कोई प्रोग्राम बनाया- कोई नहीं। भारत में महिला टेस्ट को कितनी वरीयता देते हैं इसका अंदाजा इस रिकॉर्ड से भी हो जाएगा कि जब 14 दिसंबर को टेस्ट शुरू होगा तो ये 2005 के बाद से भारत में इंग्लैंड का पहला टेस्ट होगा।

हर बार जब भी टेस्ट खेलते हैं तो ये मुद्दा चर्चा में आता है कि बिना देरी महिला क्रिकेट में लाल गेंद क्रिकेट का एक टूर्नामेंट शुरू किया जाए ताकि क्रिकेटरों को टेस्ट की तैयारी का मौका मिले पर बीसीसीआई ने इसमें कोई रुचि नहीं ली और शायद इसीलिए भारत में टेस्ट खेलने में भी उनका कोई उत्साह नहीं है।

फिर से हरमनप्रीत की बात करते हैं- 14 साल का इंटरनेशनल करियर जिसमें 125 से ज्यादा वनडे और 150 से ज्यादा टी20 इंटरनेशनल लेकिन टेस्ट सिर्फ 3 और उनमें भी रिकॉर्ड है 5 पारी में 38 रन और 9 विकेट (ये सभी 9 विकेट एक ही टेस्ट में लिए थे)। इसीलिए हरमनप्रीत के सामने टेस्ट सबसे बड़ी चुनौती हैं और मजे की बात ये कि इस महीने में टीम इंडिया एक नहीं, दो टेस्ट खेल रही है। हरमन, भारत की कप्तान, दुनिया भर की लीग में ग्लोबेट्रॉटिंग सुपरस्टार, इस सीजन में ऑस्ट्रेलिया में डब्ल्यूबीबीएल में खेली, एकमात्र भारतीय खिलाड़ी पर अब दो टेस्ट खेल रही हैं।

हरमनप्रीत ने कहा- ‘टेस्ट का हम वास्तव में इंतजार कर रहे हैं। घरेलू दर्शकों के सामने इसे कितना खेलते हैं? अकेले मैं नहीं, पूरी टीम उत्साहित है।’ इसीलिए ये बात आती है कि ये क्रिकेटर इतने सालों से सफेद गेंद से खेल रही हैं और अब टेस्ट की तैयारी के लिए कितने दिन मिल रहे हैं- 10 दिसंबर को इंग्लैंड के विरुद्ध तीसरा टी20 और 14 दिसंबर से इंग्लैंड के विरुद्ध जबकि 21 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट। ये दोनों वे टीम हैं जो वास्तव में महिला टेस्ट क्रिकेट की लाइफ लाइन हैं- अब तक इंग्लैंड ने 98 और ऑस्ट्रेलिया ने 76 टेस्ट खेले हैं जबकि अन्य किसी भी टीम ने 50 टेस्ट भी नहीं खेले। न्यूजीलैंड ने 45 और भारत ने 38 टेस्ट खेले हैं।

हरमनप्रीत ने सोचा था कि रेनेगेड्स के लिए खेलते हुए वे इसी टीम में साथी, इंग्लैंड की टैमी ब्यूमोंट और ऑस्ट्रेलिया की जॉर्जिया वेयरहैम के साथ कुछ लाल गेंद वाली क्रिकेट खेलेंगी पर इसके लिए समय कहां मिला? ब्यूमोंट ने इस साल एशेज में शानदार 200 बनाए थे। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी गेंदबाजों को कुछ प्रेक्टिस देने के लिए डब्ल्यूबीबीएल के बीच भी, लाल गेंद की क्रिकेट की प्रैक्टिस का इंतजाम किया। यहां तक कि इस उम्मीद में कि भारत में तो डे-नाइट टेस्ट खेलेंगे वे वेस्टइंडीज के विरुद्ध अक्टूबर की वनडे सीरीज के दौरान गुलाबी गेंद से प्रैक्टिस करते रहे- बीसीसीआई ने इसे बाद में लाल गेंद के टेस्ट में बदल दिया।

दूसरी तरफ, इंग्लैंड टीम ने (बिग बैश खिलाड़ियों के बिना) 17 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच एक कैंप में हिस्सा लिया- ओमान में। इतना ही नहीं, अन्य युवा क्रिकेटर को किसी भी जरूरत के लिए तैयार करने के इरादे से 13 खिलाड़ियों की इंग्लैंड ए टीम को ऑल-राउंडर चार्ली डीन की कप्तानी में 29 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच 3 टी20 मैच (इंडिया ए के विरुद्ध) खेलने भारत भेजा। यहां तक कि लुईस ने तो बिग बैश से पहले मुंबई में इंग्लिश बल्लेबाजों का एक कैंप भी लगाया था जहां ख़ास तौर पर उन्हें स्पिन खेलने के लिए तैयार किया- वे जानते हैं कि स्पिन ही उन्हें परेशान करेगी और ये सबक उन्हें सितंबर में श्रीलंका के विरुद्ध घरेलू टी20 सीरीज में हार के दौरान भी मिल गया था।

इंग्लैंड टीम टेस्ट के लिए इस समर में एशेज के मुकाबले से मिली प्रेरणा और पुरुष टीम की ‘बैज़बॉल’ स्ट्रेटजी साथ लाए हैं। जॉन लुईस के पिछले साल चीफ कोच बनने के बाद से टीम आक्रामक क्रिकेट खेल रही है और इसी की बदौलत इस समर में घरेलू एशेज टेस्ट में हार के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई टीम को वनडे और टी20 दोनों सीरीज में हरा दिया- बस पॉइंट्स में बराबर होने के कारण एशेज न जीत पाए। ये दोनों टीम आखिरी बार 2022 में आपसी सीरीज खेली थीं और तब भारत ने 6 सफेद गेंद मैच में से 4 जीते थे।

दो टेस्ट मैच के लिए (इंग्लैंड के विरुद्ध डीवाई पाटिल स्टेडियम में और वानखेड़े स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध), जो 4 दिन के होंगे, भारत की टीम: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना (उपकप्तान), जेमिमा रोड्रिग्स, शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, यास्तिका भाटिया (विकेटकीपर), ऋचा घोष (विकेटकीपर), स्नेह राणा, शुभा सतीश, हरलीन देयोल, सायका इशाक, रेणुका सिंह ठाकुर, तितास साधु, मेघना सिंह, राजेश्वरी गायकवाड़, पूजा वस्त्राकर।
कुछ फैक्ट नोट कीजिए :

  • भारत ने महिला टेस्ट खेलने का सिलसिला 1976 में शुरू किया- अब तक 38 टेस्ट में से 5 में जीत और 6 में हार।
  • इंग्लैंड के विरुद्ध- अब तक 14 टेस्ट में से 2 में जीत और 1 में हार।
  • ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध- अब तक 10 टेस्ट में कोई जीत नहीं और 4 में हार।
  • इस समय भारत की टॉप 3 बल्लेबाज- स्मृति मंधाना 4 टेस्ट में 325 रन, शेफाली वर्मा- 2 टेस्ट में 242 रन और दीप्ति शर्मा- 2 टेस्ट में 152 रन।
  • इस समय भारत की टॉप 3 गेंदबाज- हरमनप्रीत- 9 विकेट, दीप्ति शर्मा, राजेश्वरी गायकवाड़ एवं पूजा वस्त्राकर- तीनों 2 टेस्ट में 5 विकेट।

बीसीसीआई के पास विश्व स्तर पर महिलाओं के लिए सबसे लंबे फॉर्मेट को न सिर्फ बढ़ावा देने, इसे लोकप्रिय भी बनाने का एक मौका है।

चरनपाल सिंह सोबती

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