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हो सकता है कि भारत में इस खबर को कोई ख़ास महत्व न मिला कि महिलाओं पर तालिबान के जारी प्रतिबंध को लेकर ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान के विरुद्ध एक और सीरीज रद्द की पर सच्चाई को नजरअंदाज नहीं कर सकते। बीसीसीआई उन कुछ क्रिकेट बोर्ड में से एक है जो अफगानिस्तान को क्रिकेट में सपोर्ट करते हैं- इस नजरिए से ये खबर ख़ास है। 

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि अफगानिस्तान में हालात बदतर होते जा रहे हैं- महिलाओं को यूनिवर्सिटी जाने, पार्क में जाने और स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने से रोक दिया है। तालिबान के शासन वाले देश में महिलाओं और लड़कियों के साथ इस व्यवहार के विरोध में ऑस्ट्रेलिया उनसे दो टीम वाली सीरीज नहीं खेल रहा और उसी कड़ी में इस साल की अफगानिस्तान के विरुद्ध 3 मैच की टी20 सीरीज स्थगित कर दी है। कोई नहीं जानता कि ये ‘न खेलना’ कितना लंबा चलेगा? जिस मौजूदा सीरीज की बात हो रही है- उसे इस साल अगस्त में न्यूट्रल ग्राउंड (संभवतः यूएई में) में खेलना था। ये फैसला ऑस्ट्रेलियाई सरकार की मंजूरी/सलाह के बाद हुआ।

ये सिलसिला 2021 में शुरू हुआ था- तब ऑस्ट्रेलिया ने दोनों टीम के बीच एकमात्र टेस्ट रद्द किया और पिछले साल वनडे सीरीज से भी हाथ खींच लिया। इस पर रिएक्शन हुआ था और अफगानिस्तान के गेंदबाज राशिद खान ने ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग से हटने की धमकी दी पर बाद में ये इरादा बदल लिया और खेले- एडिलेड स्ट्राइकर्स के लिए लगातार खेल रहे हैं।

ये सब सितंबर 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद, अफगानिस्तान की महिला टीम को खत्म करने का नतीजा था। इतना ही नहीं, टीम की क्रिकेटर ख़ास निशाने पर थीं और इसीलिए ज्यादातर देश छोड़कर भाग गईं। इससे क्रिकेट के पेज पर भी, वहां महिलाओं और लड़कियों की खराब स्थिति की चर्चा होने लगी- उन पर तरह-तरह की रोक को किसी अत्याचार जैसा ही कहा गया। अफगानिस्तान महिला टीम की कई खिलाड़ी अब ऑस्ट्रेलिया में हैं और इनमें से कुछ वहां लीग क्रिकेट खेल रही हैं। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनसे नाता तोड़ा हुआ है- बात साफ़ है कि महिला टीम फिर से बनाने या वहां महिला क्रिकेट खेलने की हाल फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है। चूंकि हालात ज्यों के त्यों हैं- क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी, अफगानिस्तान की स्थिति पर, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ सलाह में, अपने नजरिए में किसी भी बदलाव की जरूरत महसूस नहीं की।

ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच दो टीम वाली क्रिकेट कब शुरू होगी कोई नहीं जानता पर ऑस्ट्रेलिया ने उनके साथ आईसीसी टूर्नामेंट में मैच खेलने से इनकार नहीं किया है- भारत में पिछले वर्ल्ड कप में नवंबर में मुंबई में खेला मैच तो ग्लेन मैक्सवेल की इनिंग की बदौलत यादगार है। इस बात को नोट करने के बावजूद अफगानिस्तान क्रिकेट को इस बात पर निराशा है कि ऑस्ट्रेलिया ने दो टीम वाली सीरीज रद्द कर दी- वे चाहते हैं कि क्रिकेट को राजनीति से दूर रखें। यहां एक नोट करने वाली बात ये है कि जो आईसीसी, हर टेस्ट देश के बोर्ड को, उस देश में, महिला क्रिकेट को भी बिना देरी अपने बैनर में लेने की धमकी दे रहा था- वह भी इस मामले में अफगानिस्तान के साथ डुप्लीकेट पॉलिसी पर चल रहे हैं। वहां महिला टीम न होने के बावजूद अफगानिस्तान के टेस्ट दर्जे पर कोई आंच नहीं आई है- टेस्ट दर्जा हासिल करने की एक शर्त है देश में महिला क्रिकेट भी खेलें पर आईसीसी चुप है। यहां तक कि उन्हें तो देश में क्रिकेट के बढ़ावा देने की कोशिश में अलग से मदद कर रहे हैं।

ऐसा नहीं कि तालिबान क्रिकेट या खेल रोक रहे हैं- सख्ती महिलाओं की हिस्सेदारी पर है। लगभग डेढ़ साल पहले, दो सबसे भयानक आत्मघाती हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी नेटवर्क के चीफ सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ फोटो कॉल के लिए क्रिकेट टीम को काबुल में होम मिनिस्ट्री के ऑफिस में बुलाया था। ये हक्कानी अब सरकार में सबसे प्रभावशाली मिनिस्टर हैं। वे बड़ी गर्म-जोशी से क्रिकेटरों से मिले, फोटो खिंचवाई और एक बेहतर स्टेडियम का वायदा भी किया।

नजरिया बदल रहा है- पिछली बार जब तालिबान सत्ता में थे (1990 के दशक में) तो विश्वास कीजिए, काबुल के स्पोर्ट्स स्टेडियम का इस्तेमाल खुले आम फांसी देने के लिए किया गया था। 2023 वर्ल्ड कप में जब टीम अच्छा खेल रही थी तो असर देश में दिखाई दे रहा था- कई पार्क में बड़ी स्क्रीन लगीं और हर पार्क में क्रिकेट देखने वालों की भीड़ थी। अब एक नया और आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम बनाने की स्कीम पर काम हो रहा है और इरादा है यहां इंटरनेशनल मैच खेलें। कई नई क्रिकेट एकेडमी शुरू हो गई हैं। स्टेडियम के लिए जमीन अलॉट हो गई है- काबुल के बाहरी इलाके में और अब पैसे की सरकारी मंजूरी का इंतजार हो रहा है। 

इंग्लैंड अभी तक इस सवाल से बचा हुआ है- उनकी टीम का अगले 5 साल में भी अफगानिस्तान के विरुद्ध कोई दो टीम वाली सीरीज खेलने का प्रोग्राम नहीं है। बीसीसीआई की तरफ से भी पूरा सहयोग है- अफगानिस्तान की सीनियर और अंडर-19 टीम ने कई साल एनसीआर के ग्रेटर नोएडा में ट्रेनिंग कैंप लगाए। बीसीसीआई की मदद से ग्रेटर नोएडा में शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स 2015 में उनके लिए ‘होम-ग्राउंड’ बन गया और तब टीम ने अपना बेस शारजाह से नोएडा ट्रांसफर कर लिया था। यहां तक कि 2017 में ग्रेटर नोएडा में आयरलैंड के विरुद्ध इंटरनेशनल मैच भी खेले थे।अफगानिस्तान ने देहरादून में बांग्लादेश के विरुद्ध एक टी20 सीरीज की भी ‘मेजबानी’ की। इसके अलावा, भारत के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत और मनोज प्रभाकर कोच रहे हैं अफगानिस्तान टीम के। सितंबर 2023 में, अफगानिस्तान ने वर्ल्ड कप 2023 के लिए अजय जड़ेजा को असिस्टेंट कोच/मेंटर बनाया और टीम के खेल में आया बदलाव सभी के सामने है। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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