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18 नवंबर का दिन, रात 8.45 बजे के कुछ देर बाद, बड़े मीडिया हाउस के इनबॉक्स में बीसीसीआई का एक मेल आया। खबर थी- बीसीसीआई नए सेलेक्टर्स के लिए एप्लीकेशन मांग रहा है। इस खबर के पीछे की सच्चाई तो मानो कोई खबर थी ही नहीं। ये समझने में देर नहीं लगी कि चेतन शर्मा की सीनियर नेशनल सेलेक्शन कमेटी बर्खास्त। चर्चा तो थी पर इस ‘होलसेल’ बदलाव का अंदाजा नहीं था- शायद बीसीसीआई के किसी सीनियर को कुछ साल पहले का भारतीय टेलीविजन का वह मशहूर एडवर्टाइजमेंट याद रहा होगा जिसमें एक साथ घर के सारे बल्ब बदलने का संदेश था।

ये खबर मीडिया के पास पहले आई- चेतन शर्मा और अन्य तीन सेलेक्टर सुनील जोशी,देबाशीष मोहंती और हरविंदर सिंह को मीडिया के लगातार कॉल और संदेशों से पता चला, कि ‘ये क्या हुआ’? इससे कुछ सेकंड पहले ही सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग ख़त्म हुई थी- वह इंडिया ए टीम चुनने के लिए जो इस महीने के आखिर में बांग्लादेश जाएगी।

कोई नहीं जानता कि बीसीसीआई ने सेलेक्टर्स को कब बताया- पता नहीं बताया भी या नहीं। इसलिए धन्यवाद की तो उम्मीद ही बेकार है। ऐसे कैसे बीसीसीआई एकदम उस सेलेक्शन कमेटी को ‘बेकार’ बता सकता है जिसे उन्होंने खुद बनाया? सेलेक्टर अपना काम कर रहे थे- कुछ तो 50 ओवर विजय हजारे ट्रॉफी में मैच देख रहे थे। टीम इंडिया की हर खराब सीरीज/टूर्नामेंट के बाद सोशल मीडिया पर ये मांग जरूर सुनाई देती थी- ‘उन्हें बर्खास्त करो!’ आखिरकार बीसीसीआई ने सुन ही लिया।

कौन बन सकता है सेलेक्टर  :

  • कम से कम 7 टेस्ट/ 30 फर्स्ट क्लास/10 वनडे-20 फर्स्ट क्लास मैच खेलने का अनुभव।
  • कम से कम 5 साल पहले खेलने से रिटायर हो चुके हों।
  • 5 साल तक किसी भी क्रिकेट कमेटी (बीसीसीआई के नियमों के अनुसार) के सदस्य न रहे हों।
  • आख़िरी तारीख 28 नवंबर शाम 6 बजे तक।

सेलेक्शन कमेटी में 5 सदस्य होते हैं पर इस समय 4 ही थे- अभय कुरुविला का कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद फरवरी 2022 से वेस्ट जोन से सेलेक्टर की जगह खाली पड़ी थी और किसी के पास उस जरूरत को पूरा करने की फुर्सत नहीं थी। ईस्ट जोन के देबाशीष मोहंती का कॉन्ट्रैक्ट भी जल्द खत्म होने वाला था (वे पहले जूनियर सेलेक्टर रह चुके थे)। सुनील जोशी और हरविंदर सिंह फरवरी 2020 में क्रमशः साउथ और सेंट्रल जोन से सेलेक्टर बने थे। चेतन शर्मा (नार्थ), मोहंती और कुरुविला पैनल में उस साल दिसंबर में शामिल हुए थे और सबसे ज्यादा टेस्ट खेले चेतन शर्मा चीफ बन गए। चेतन, हरविंदर, सुनील जोशी और मोहंती ने हाल के सालों में सबसे कम समय के सेलेक्टर का रिकॉर्ड बनाया।

तो इस तरह सही मायने में दिसंबर 2020 में चेतन शर्मा की ये कमेटी बनी थी। तय था कि एक साल बाद काम की समीक्षा होगी। वह हुई और यूएई में टी20 वर्ल्ड कप से भारत के जल्दी बाहर होने के बावजूद सेलेक्शन कमेटी को एक और साल का एक्सटेंशन दे दिया। इस टीम की आख़िरी बड़ी ड्यूटी न्यूजीलैंड में लिमिटेड ओवर सीरीज और दिसंबर में बांग्लादेश टूर के लिए टीम की घोषणा थी। ऐसे एक साथ 4 टीम चुनना भी किसी अजीब काम कम नहीं था।

नए सेलेक्टर सीएसी चुनती है- तीन सदस्य की सीएसी और इसमें भी एक सदस्य कम है (मदन लाल 70 साल के होने के बाद हटे) पिछले साल अक्टूबर से और सच ये कि ये बिना चीफ काम कर रही है। इसके अन्य दो सदस्यों आरपी सिंह और सुलक्षणा नाइक ने पिछले साल नवंबर में राहुल द्रविड़ का इंटरव्यू लिया था और रवि शास्त्री के बाद राहुल द्रविड़ को नया कोच बनाया था।

अब बात आती है चेतन शर्मा की कमेटी को मिली ‘सजा’ की वजह की। खट-पट तो पहले से चल रही थी और सबसे ख़ास बात थी इस कमेटी पर ‘ऑल-बॉलर्स कमेटी’ का टैग और शायद खुद टी20 फॉर्मेट के बारे में कुछ भी न जानना। जय शाह और आशीष सिलार ने मेलबर्न से लौटे हुए, शायद रास्ते में ही, इस कमेटी की ‘श्रद्धांजलि’ लिख’ ली थी। चेतन शर्मा की टीम को टी20 वर्ल्ड कप में जीतने की जरूरत थी जो नहीं हुआ। तब पिछले किस्से भी जुड़ गए। देखिए :

  • एशिया कप और ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में टीम का जूझना।
  • lजसप्रीत बुमराह की भारतीय टीम में वापसी के लिए ‘जल्दबाजी’ । टी20 वर्ल्ड कप नजदीक था तो बुमराह को फिट न होने के बावजूद चुना।
  • वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार। 
  • 2021 टी20 वर्ल्ड कप के ग्रुप राउंड से आगे जाने में नाकामयाब ।
  • चेतन शर्मा ‘फोर्सफुल’ नहीं थे।
  • एक साल में 8 इंटरनेशनल कप्तान बनाना, कुछ ख़ास को वर्क लोड के नाम पर ‘रेस्ट’, टी20 क्रिकेट से 8 महीने के बाद बिना टेस्ट केएल राहुल को चुनना- लगभग हर टूर पर जाना और टीम मैनेजमेंट के साथ ऐसे मामलों में कोई तालमेल नहीं।
  • दो टी20 वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ी चुने पर कभी भी घरेलू या आईपीएल में प्रदर्शन करने वालों को सही ‘भाव’ नहीं दिया।  
  • शिखर धवन जैसे 37 साल के सीनियर पर कोई पॉलिसी नहीं- क्या उन्हें 2023 वर्ल्ड कप में खिलाना है (तब वे 38 साल से ऊपर होंगे)?
  • भारत की टी20 वर्ल्ड कप के दो मैच में 10 विकेट से हार- ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
  • चेतन शर्मा ऑस्ट्रेलिया में थे टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पर अकेले-अकेले रहे- कभी टीम के साथ ट्रेवल नहीं किया, नेट्स पर गेंदबाजों के रन-अप के आखिर में चीफ कोच राहुल द्रविड़ से दूर  खड़े रहे। मीडिया ने दोनों के बीच कोई बातचीत न होना नोट किया। दूसरी तरफ बार-बार टीम के मामलों में इतनी दखल दे रहे थे कि टीम मैनेजमेंट इससे नाखुश था और इस साल आईपीएल के बाद उनकी राहुल द्रविड़ से अनबन की खबरें भी सामने आईं। 

क्या ये सब सिर्फ सेलेक्शन कमेटी बदलने से सही हो जाएगा?


चरनपाल सिंह सोबती 

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