fbpx

डंकन फर्नली का 84 साल की उम्र में देहांत हो गया। ये नाम लेते ही सबसे पहले क्रिकेट बैट याद आता है। दुनिया के मौजूदा बड़े क्रिकेटर किसी एक बैट के इस्तेमाल के लिए नहीं पहचाने जाते- जिसने बेहतर स्पांसर कॉन्ट्रैक्ट दिया उसका लोगो उनके बैट पर नजर आ जाता है। हालत ये है कि जो खुद क्रिकेट बैट नहीं बनाते, उनका लोगो भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वालों के बैट पर नजर आता है। डंकन फर्नली वह नाम है जो क्रिकेट बैट पर श्रेष्ठता की पहचान है। वे बैट बनाते थे पर इतने महंगे कि भारत के कई क्रिकेटरों ने कहा कि जब वे सुनील गावस्कर को डंकन फर्नली के बैट से खेलते देखते थे तो उन्हें जलन होती थी।

डंकन फर्नली का एक परिचय और भी है- आकर्षक खब्बू बल्लेबाज जो 97 फर्स्ट क्लास और 4 लिस्ट ए मैच खेले। क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर बने। 1986 में इंग्लैंड के वुर्स्टर काउंटी क्रिकेट क्लब के चीफ बने और 1987 सीज़न से पहले काउंटी टीम के लिए इयान बॉथम और ग्राहम डिली जैसे बड़े क्रिकेटरों को साइन कर लिया था। उनके साथ क्लब ने 6 ट्राफी जीतकर अपने इतिहास का सबसे कामयाब दौर देखा। 1998 में हटे पर काउंटी कमेटी में रहे और 2011 से 2013 तक फिर से क्लब के चीफ रहे। बहरहाल उनकी मशहूरी किसी क्रिकेटर या एडमिनिस्ट्रेटर से ज्यादा डंकन फर्नली बैट बनाने के लिए हुई- इन बैट का इस्तेमाल दुनिया भर में होता रहा।

जब खेलते थे, तब ही बैट बनाने का काम शुरू कर दिया और रिटायर होने के बाद इसे बढ़ाया। जॉन स्नो- ऐसे पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर थे जो उनके बैट से खेले। इसके बाद बेसिल डी’ओलिवेरा और डेनिस एमिस ने ये बैट पकड़ा। 1980 के दशक की शुरुआत तक, कई टॉप इंटरनेशनल क्रिकेटर इस ब्रांड से खेल रहे थे (तब तक पैड और ग्लव्स बनाने भी शुरू कर दिए थे)- सुनील गावस्कर, क्लाइव लॉयड, केप्लर वेसल्स, इयान बॉथम, ग्राहम गूच, एलन लैम्ब, विव रिचर्ड्स, ग्रीम पोलक, वसीम अकरम, रवि शास्त्री, एलन बॉर्डर और मार्टिन क्रो के नाम इनमें ख़ास थे। इन्हें देख कई और भी इस ब्रांड से जुड़ गए और पूरी क्रिकेट की दुनिया में इनका लोगो एक ख़ास पहचान बन गया। वे लिखते भी थे।

बैट बनाने वाले दुनिया में कई हैं पर क्वालिटी बैट बनाने के लिए वे बड़े मशहूर थे- क्रिकेटर की जरूरत के हिसाब से बैट बनाना उनकी खूबी थी। बैट बनाना उनके लिए एक काम और बिजनेस से ज्यादा, क्रिकेट के लिए डेडिकेशन था। इसीलिए अपनी फैक्टरी में बने हर बैट को, पैकिंग से पहले, हाथ में लेकर निहारते जरूर थे- ठीक वैसे ही जैसे कोई आर्टिस्ट पेंटिंग पूरी करने के बाद उसे तसल्ली से निहारता है। जॉन स्नो हालांकि गेंदबाज थे पर उनके बैट के लिए पहली पहचान बने और उसके बाद तो दुनिया भर में टॉप खिलाड़ियों का भरोसा बन गए।

जब वे काउंटी टीम के लिए इयान बॉथम जैसे इंग्लिश क्रिकेट के रॉक स्टार को जोड़ने में कामयाब रहे तो ये एक मास्टर स्ट्रोक था। बॉथम का खेलना क्लब ग्राउंड में दर्शकों की भीड़ ले आया। वे बॉथम को व्यक्तिगत तौर पर जानते थे (उनके बैट से खेलते थे) और बॉथम के लिए ख़ास बैट तैयार करते थे। फैक्टरी में लगभग 20 का स्टाफ था और बाजार के लिए हर हफ्ते लगभग एक हजार बैट तैयार करते थे। डंकन फर्नली ने बॉथम के साथ पहला कॉन्ट्रैक्ट 1973 में किया था- 150 पौंड का। तब बॉथम चमक रहे युवा खिलाड़ी थे- वहां से समरसेट, 1976 में इंग्लैंड लिमिटेड ओवर टीम और फिर टेस्ट तक वे डंकन फर्नली के बैट से ही खेले। 1980 में भारत के विरुद्ध वे दुनिया के ऐसे पहले टेस्ट खिलाड़ी बने जिसने एक ही टेस्ट में 100 बनाया और 10 विकेट लिए। 1981 में एशेज में गजब किया और हेडिंग्ले में उनके 149* की जो फोटो खूब छपी उसमें बैट पर डंकन फर्नली ‘ब्लैक विकेट्स’ लोगो साफ़ दिखाई दे रहा था। इससे बिक्री एकदम बढ़ गई।

विव रिचर्ड्स, ग्राहम गूच, ग्रीम पोलक, क्लाइव लॉयड, वसीम अकरम, सुनील गावस्कर और एलन लैम्ब जैसों ने कहा- ये उनका फेवरिट बैट है। इससे उनके बैट से खेलना, युवा क्रिकेटरों का सपना बन गया- इंग्लैंड के डेरेन गफ, केविन पीटरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड का बचपन का पहला बैट डंकन फर्नली ही था। भारत के इंटरनेशनल क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने विजडन इंडिया में अपने एक आर्टिकल में लिखा था- ‘जब मैं खेलता था तो फर्नली बैट भारत में बहुत कम दिखाई देते थे, फिर भी वह लोगो भारत में सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाले लोगो में से एक था क्योंकि गावस्कर डंकन फर्नली बैट इस्तेमाल करते थे। मुझे याद है मैं (और मेरे जैसे और कई भी) काले पेंट से अपने पैड और बैट पर वी लोगो बना देता था जिससे ये लगे कि उसी फर्नली बैट से खेल रहा हूं।

बॉथम ने एक इंटरव्यू में कहा- ‘डंकन ने मेरे लिए सबसे अच्छे बैट बनाए। वह अपने समय के सबसे बेहतर बैट बनाने वाले थे और बैट के लिए लकड़ी छांटने से लेकर बैट बनाने के तरीके पर उनकी छाप थी।’ 1982 में मेलबर्न में चौथे एशेज टेस्ट के लिए, बॉथम ने अपना एक बैट सही फॉर्म के लिए जूझ रहे एलन बॉर्डर को दिया। दूसरी पारी में बॉर्डर ने 62* बना दिए। यहां से, ऑस्ट्रेलिया का भावी कप्तान फर्नली का दीवाना बन गया और कंपनी ने बैट की एक ‘एबी’ सीरीज भी निकाली।

उनके बैट ‘हैंड मेड परफेक्शन’ और ‘सुप्रीम’ जैसे टाइटल के साथ बड़े मशहूर हुए। एक हाई-एंड मॉडल मैग्नम सुपर 5* था जो सबसे महंगा था। लाल हेंडल वाले बैट को अटैक नाम दिया था। ग्रीम हिक ने जब 405 का स्कोर बनाया (1988 में) तो इस ऐतिहासिक पारी के सम्मान में स्पेशल एडिशन बैट ‘ग्रीम हिक 405’ बनाया।

1976 में रीपर टाइटल से एक बैट बनाया जिसे गावस्कर, डेनिस एमिस और बॉब विलिस ने भी इस्तेमाल किया- इसमें ब्लेड में पीछे छेद थे और इसे जोर से घुमाने पर हवा की वजह से सीटी जैसी आवाज आती थी। इससे गेंद पर निशान आ रहे थे जिस वजह से इस पर बैन लगा। 1981 में फर्नली ने एक और अजीब काम किया- ऑस्ट्रेलिया में अपने बैट को लोकप्रिय बनाने के लिए मनी-बैक गारंटी दी- अगर बल्लेबाज ने अपने पुराने बैट की तुलना में, उनसे नए खरीदे बैट से कम रन बनाए तो पूरे पैसे वापसी ले सकते हैं। किसी ने भी पैसे वापस नहीं लिए।

सर्दियों में बैट बनाना और समर में खेलना- ये सिलसिला कई साल चला। शादी के बाद पत्नी बिजनेस देखने लगीं। इनके बनाए पैड और ग्लव्स मशहूर सीरीज ‘डॉक्टर हू’ के एक एपिसोड में दिखाई दिए थे। एक समय कंपनी का ग्लोबल बैट बाज़ार के लगभग एक तिहाई हिस्से पर कब्ज़ा था। नई सदी के बदलाव में वे पीछे रह गए और बिक्री में भारी गिरावट के बाद, 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी कंपनी बेच दी। उनके प्रतिद्वंद्वियों ने मशीनों, सस्ती लकड़ी और एशिया में आउटसोर्सिंग की बदौलत सस्ते बैट बाजार में फेंके जबकि फर्नली हैंड मेड, बेहतर स्किल और बेहतर इंग्लिश विलो पर ही जोर देते रहे। इसी से मात खा गए। प्रोडक्शन कम हो गया पर ये ब्रांड, अभी भी वुर्स्टर में मौजूद है। वे कहते थे- ‘जब मैं बैट बनाने के बाद आखिर में उसे देखता हूं तो पता चल जाता है कि हाथ में कुछ खास है। जो महसूस होता है- वह बता नहीं सकता, ठीक किसी आर्टिस्ट की पेंटिंग की तरह। 

चरनपाल सिंह सोबती 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *