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इस रिपोर्ट के लिखने के समय तक, महिला टी20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका अपने ग्रुप में नंबर 3 है- मेजबान होने के बावजूद। उनके अपने बहुत से जानकार ये मान रहे हैं कि टीम की ये हालत, नियमित कप्तान डेन वैन निकेर्क को सनसनीखेज तरीके से विश्व कप टीम से बाहर करने की वजह से है। ऐसा क्यों हुआ- फिटनेस टेस्ट में कुछ सेकंड से फेल होने पर कप्तान को ही बाहर कर दिया।

क्रिकेट साउथ अफ्रीका के फिटनेस स्टैंडर्ड के हिसाब से महिला खिलाड़ी 2 किमी भागे 9 मिनट 30 सेकंड के अंदर और निकेर्क ने कट-ऑफ से 18 सेकंड ज्यादा लिए। निकेर्क इस टीम के लिए वैसी ही हैं जैसे अपने सबसे बेहतर दौर में एमएस धोनी थे टीम इंडिया के लिए। खुद निकेर्क के लिए ये बहुत बड़ा झटका था और इसीलिए वे बोल पड़ीं- ‘इस फैसले से बिल्कुल टूट गई हूं।’

इस ऑलराउंडर का रिकॉर्ड- 194 मैच, 2016 से तीनों फॉर्मेट में कप्तान, एकमात्र दक्षिण अफ्रीकी जिसने टी20 इंटरनेशनल में 1,500+ रन बनाए और 50+ विकेट लिए हैं। 29 साल की निकेर्क, सितंबर 2021 से टखने की हड्डी टूटने से दक्षिण अफ्रीका के लिए नहीं खेल रही थी- इसी के चलते पिछले साल के 50 ओवर विश्व कप और कॉमनवेल्थ गेम्स दोनों में नहीं खेल पाई थी। पिछली समर में ओवल इनविंसीबल्स के लिए द हंड्रेड और घरेलू क्रिकेट से वापसी की लेकिन विश्व कप से पहले के, भारत और वेस्टइंडीज के विरुद्ध ट्राइएंगुलर की टीम से बाहर कर दी गईं।

कोच हिल्टन मोरेंग ने कहा- उन्हें उम्मीद थी कि वह फरवरी के टूर्नामेंट के लिए फिट होंगी, लेकिन जब कुछ दिन पहले फिटनेस लेवल साबित करने का आख़िरी मौका दिया गया तो फेल और उनके लंबे समय तक कप्तान होने के बावजूद, इस मामले में, कोई भी रियायत न देने का फैसला लिया गया। सेलेक्टर क्लिंटन डु प्रीज़ का कहना है- ‘डेन को फिटनेस बेंचमार्क के निचले लेवल को पूरा करने का पूरा मौका दिया। सभी को मालूम था कि कैसी फिटनेस जरूरी है और दिसंबर में ही उन्हें साफ़-साफ़ बता दिया था कि उन्हें कहां होना चाहिए?’

ऐसा नहीं कि डेन ने कोशिश नहीं की पर क्या वे, जरूरी फिटनेस लेवल से इतना दूर थीं कि देश की टीम पर इसके असर को भी नजरअंदाज कर दिया? ये एक ऐसा सवाल है जो इन दिनों वहां सबसे बड़ी चर्चा है और सीएसए की आलोचना करने वालों की गिनती बढ़ती जा रही है। यहां तक कि अपने समय के टॉप तेज गेंदबाज डेल स्टेन भी बहस में कूद पड़े- ऐसे तो मैं भी शायद फिट नहीं था!

इस बीच निकेर्क की पार्टनर मरिजाने कैप (जो विश्व कप टीम में हैं) ने ये ट्वीट करने में देर नहीं लगाई कि निकेर्क विश्व क्रिकेट में सबसे बेहतर कप्तानों में से एक थीं। लगता तो ये है कि इस फैसले को बोर्ड ने ये मिसाल बनाने के लिए प्रयोग किया कि अब वे जरूरी फिटनेस के मामले में सख्त हो गए हैं। पुरुष खिलाड़ी सिसंडा मगाला को 2 किमी फिटनेस टेस्ट में 12 सेकंड से चूकने के कारण घरेलू टी20 चैलेंज में सेंट्रल गटंग लायंस के लिए खेलने से रोक दिया था। निकेर्क के साथ खेल चुकी, लिजेल ली पिछले साल 30 साल की उम्र में अचानक इसलिए रिटायर हुई क्योंकि जरूरी बॉडी कंपोजिशन टेस्ट में फेल हो गई थीं- वजन ज्यादा होने से नेशनल टीम से बाहर कर दिया था।

अब सुने लूस वैन कप्तान हैं निकेर्क की जगह विश्व कप में। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में इस फैसले को, पहली सीनियर ग्लोबल ट्रॉफी जीतने की उम्मीद को खुद ही खत्म करने जैसा मान रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने कप्तान निकेर्क के साथ 28 टी20ई में से 15 जीते पर उनके बाद 15 मैच में से सिर्फ 6 जीते हैं। जून 2009 में, निकेर्क के टी20 इंटरनेशनल डेब्यू के बाद से सिर्फ शबनीम इस्माइल और कैप ने दक्षिण अफ्रीका के लिए लिमिटेड ओवर क्रिकेट में ज्यादा विकेट लिए हैं जबकि सिर्फ ली ने टी20 इंटरनेशनल में ज्यादा रन बनाए हैं। जुलाई 2022 में फिटनेस के जिन नए बेंचमार्क को लागू किया गया अगर वे निकेर्क के करियर के शुरू होने के समय लागू होते तो वह शायद कभी भी नेशनल टीमों के लिए नहीं खेलतीं।

अब सवाल ये है कि एक खिलाड़ी अगर अच्छा खेल रही है तो उस पर फिटनेस बेंचमार्क को कितना लागू करें? निकेर्क टीम के लिए कितनी ख़ास हैं इसका अंदाजा वहां के रिव्यू से लगाया जा सकता है- निकेर्क के बिना वे आधी टीम हैं और निकेर्क टीम के लिए ऐसी हैं जैसे इंग्लैंड के लिए इयोन मोर्गन थे। निकेर्क, को पिछले साल विजडन के 5 क्रिकेटर्स में से एक नॉमिनेट किया गया था। लंबे समय से, ऊपर के आर्डर की बल्लेबाज, लेग ब्रेक गेंदबाज और सम्मानित कप्तान यानि कि दक्षिण अफ्रीका के लिए ख़ास खिलाड़ियों में से एक। विशेषज्ञ कहते हैं कि लगातार पूरे दो किलोमीटर भागने को बेंचमार्क क्यों बनाएं जबकि क्रिकेट में लगातार भागने की जरूरत ही नहीं पड़ती- सबसे लंबा स्प्रिंट शायद तब जब बाउंड्री की तरफ जा रही गेंद के पीछे भागते हैं। अगर सभी देश, ऐसी ही सख्ती से फिटनेस बेंचमार्क लागू कर दें तो महिला क्रिकेट में कई टीम की शक्ल बदल जाएगी।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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