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WPL के साथ नए-नए प्रयोग का सिलसिला शुरु हो गया है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने स्मृति मंधाना (सबसे महंगी खरीद) पर 3.4 करोड़ रुपये खर्चे, सोफी डिवाइन को 50 लाख और एलिस पेरी को 1.7 करोड़ रुपये में खरीदा यानि कि पहले मार्की सेट में तीन खिलाड़ियों पर ही 12 करोड़ रुपये के कुल बजट का लगभग आधा हिस्सा खर्च कर दिया। खरीद के इस अजीब तरीके की चर्चा चल ही रही थी कि अगला धमाका- टेनिस की दिग्गज सानिया मिर्जा को टीम का मेंटोर बना दिया। मैनेजमेंट की तरफ से कहा गया- ‘कोचिंग स्टाफ क्रिकेट संभालेगा। दबाव में कैसा खेलें, इसे गाइड करने के लिए सानिया से बेहतर और कोई नाम नहीं सोच सकते थे। क्या रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर कल को सानिया को अपनी आईपीएल टीम से भी जोड़ सकते हैं? हां- क्यों नहीं? 

सानिया एक ऐसी युवा आइकन हैं जो बोल्ड, बंधी परंपराओं को तोड़ने वाली और ग्राउंड पर और बाहर एक चैंपियन। सानिया को जब इस जिम्मेदारी का ऑफर मिला तो एक बार तो वे भी हैरान थीं पर अब इस नई चुनौती पर बड़ी उत्साहित हैं। खेल में दबाव और खिलाड़ी का इसके चलते अपना फोकस खोना- ये सब सानिया बड़ी अच्छी तरह जानती हैं। 20 साल से पेशेवर एथलीट और अब युवा महिलाओं और लड़कियों को ये सोचने में मदद करेंगी कि खेल, करियर के लिए सबसे बेहतर विकल्प में से एक हैं। सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना, इस साल 27 जनवरी को ऑस्ट्रेलियन ओपन के, मिक्स्ड डबल्स फाइनल में हार गए थे, रॉड लेवर एरिना में और इसी के साथ, ग्रैंड स्लैम में, सानिया मिर्ज़ा का सफर ख़त्म हुआ- एक यादगार सफर जिसमें 6 डबल्स टाइटल जीते (इनमें से 3 मिक्स्ड डबल्स)।

अब वे खिलाड़ियों के साथ उनके मानसिक पहलू पर काम करेंगी पर सवाल ये है कि वे तो टेनिस खेलीं तो क्या उनकी सोच क्रिकेट पर फिट बैठेगी? सानिया के अनुसार- ‘टेनिस और क्रिकेट के बीच कई समानताएं हैं, क्योंकि हर एथलीट की मानसिकता एक सी होती है और सब बराबर दबाव झेलते हैं। इसलिए सबसे ख़ास है दबाव को संभालना और उन्हें गले लगाना। दबाव झेल नहीं सकते, तो कामयाब नहीं हो पाएंगे- जो दबाव झेल सकते हैं, वही चैंपियन हैं।’

वैसे क्रिकेट उनके लिए कोई अनोखा या ऐसा खेल नहीं जिसे वे जानती नहीं। क्रिकेट से उनका गजब का रिश्ता है। भारत के टेस्ट कप्तान थे गुलाम अहमद और उनके भतीजे आसिफ इकबाल (पाकिस्तान के कप्तान) से सानिया का रिश्ता बना, रिश्ते में भाई निसार अहमद (गुलाम अहमद के बेटे) के मार्फ़त- सानिया की दादी और उनकी नानी बहनें हैं। इन दो के बाद परिवार में तीसरे टेस्ट क्रिकेट कप्तान पाकिस्तान के शोएब मलिक आ गए- सानिया ने उनसे शादी की। सानिया की छोटी बहन अनम की शादी हुई मोहम्मद अजहरुद्दीन के बेटे असद से और ये बना 4 टेस्ट कप्तान वाला परिवार।

क्रिकेट और टेनिस को सिर्फ सानिया नहीं जोड़तीं। 2020 की विंबलडन चैंपियन एशले बार्टी टेनिस के साथ-साथ क्रिकेट भी खेल चुकी हैं। और भी विंबलडन सिंगल्स चैंपियन फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले हैं। भारत के कोटा रामास्वामी ने विंबलडन टाइटल नहीं जीता पर 1936 में इंग्लैंड में दो टेस्ट खेले। 1922 में विंबलडन सिंगल्स में खेले- पहला मैच जीता लेकिन दूसरा हार गए। बाद में डेविस कप में भी खेले। 

वैसे क्रिकेट को जिस दूसरे खेल ने सबसे ज्यादा कोच/मेंटोर दिए हैं वह बेसबॉल है- दोनों में खेलने के तरीके में कई समानता की वजह से। अब सानिया एक नए प्रयोग में हिस्सेदार हैं।  

  • चरनपाल सिंह सोबती

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