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2023 कैलेंडर साल के आख़िरी दिनों में, ऑस्ट्रेलिया में बने एक बड़े रिकॉर्ड की भारत में कोई ख़ास चर्चा नहीं हुई- शायद इस सोच की वजह से कि स्पिन की बात करनी है तो भारत तथा दायरा और बड़ा करें तो भारतीय उपमहाद्वीप से बेहतर कुछ नहीं। इसीलिए पाकिस्तान के विरुद्ध टेस्ट में नाथन लियोन के 500 टेस्ट विकेट महज एक रिकॉर्ड बनकर रह गए- ये रिकॉर्ड बनाने वाले 8वें गेंदबाज। इस 36 साल के ऑफ स्पिनर ने रिकॉर्ड बनाया पर्थ में रिव्यू के बाद मिले फहीम अशरफ के एलबीडब्ल्यू विकेट से और ऑस्ट्रालेया से  शेन वार्न और ग्लेन मैकग्रा के बाद ये रिकॉर्ड बनाने वाले पहले गेंदबाज।

जब ल्योन,को पिछली समर की एशेज के दौरान चोट लगी तो कई जानकार ने उनके इंटरनेशनल क्रिकेट करियर पर आख़िरी लाइन खींचना शुरू कर दिया था पर वे लौटे और उस रिकॉर्ड पर पहुंचे जो खुद उनकी नजर में भी एक बड़ी उपलब्धि है- ‘इस सफर में काफी मेहनत की है- टेस्ट में 500 विकेट लेना बहुत खास है।’

500 टेस्ट विकेट क्लब में मुथैया मुरलीधरन (133 टेस्ट, 800 विकेट), शेन वार्न (145,708), जेम्स एंडरसन (183, 690), अनिल कुंबले (132, 619), स्टुअर्ट ब्रॉड (167, 604), ग्लेन मैकग्राथ (124, 563), कर्टनी वॉल्श (132, 519) और नाथन लियोन (125, 509) का नाम है पर आने वाले दिनों में रिकॉर्ड बदलेगा- इसी महीने शुरू भारत-इंग्लैंड सीरीज में एंडरसन और अश्विन दोनों खेलेंगे- अश्विन (95,490) को इस लिस्ट में शामिल होने का मौका मिलेगा। तब शायद ऑफ स्पिन को वह चर्चा मिले जो जरूरी है।

लियोन को सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि उनका नाम ऑस्ट्रेलिया से शेन वार्न और ग्लेन मैक्ग्रा के साथ लिया जा रहा है और इसी पर उन्हें गर्व है। 2011 में श्रीलंका के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू में कुमार संगकारा का पहली ही गेंद विकेट, पारी में 5-34 और मैच में 6 विकेट से यहां तक का सफर किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं और सबसे बड़ी बात उनका रिकॉर्ड उन युवा गेंदबाजों के लिए प्रेरणा है जो ऑफ स्पिन के बारे में पढ़ते हैं और इसे फैंकना चाहते हैं। ऑफ स्पिन वह आर्ट है जो धीरे-धीरे ख़त्म हो रही है। स्पिन पर भारत में भी गर्व तो किया जाता है पर जब अश्विन और रवींद्र जडेजा के बाद कौन जैसे सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करें तो ऐसा रिकॉर्ड सामने आता है जिस पर विश्वास नहीं होगा। इस नजरिए से लियोन का रिकॉर्ड (और जल्दी ही अश्विन का इस लिस्ट में शामिल होना) ख़ास है।

जब पारंपरिक ऑफ स्पिन खत्म हो रही थी तो इसे ‘दूसरा’ ने लाइफ लाइन दी- यानि कि ऐसी गेंद जो लैग से ऑफ की तरफ टर्न लेती है। पाकिस्तान के ऑफ स्पिनर सकलेन मुश्ताक ने इसे शुरू किया, 2000 के दशक में कुछ साल इसे खूब देखा गया और जानकारों ने यहां तक कहा कि अब ऑफ स्पिनर इंटरनेशनल क्रिकेट में इसे फेंके बिना सफल नहीं हो सकता। गड़बड़ ये थी कि जब तक गेंदबाज आईसीसी द्वारा तय 15 डिग्री की लिमिट से ज्यादा अपना हाथ सीधा नहीं कर लेते (या कलाई मुथैया मुरलीधरन जैसी हो) इसे फेंक नहीं सकते। इसीलिए चकिंग एक महामारी की तरह शुरू हो गई।

नतीजा- चकिंग रोकने के लिए आईसीसी ने सख्ती की, गेंदबाजों के एक्शन को सुधारने का किस्सा शुरू हो गया, गेंदबाज सस्पेंड होने लगे और उसी में ‘दूसरा’ फेंकना बंद सा हो गया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तो अपने कोचिंग सेंटर में इसके जिक्र पर भी प्रतिबंध लगा दिया ताकि कोई गलती से भी इसे सीख न ले। इसीलिए जब 2007 में वार्न इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हुए तो ऑस्ट्रेलिया में स्पिन का संकट था। विश्वास कीजिए 2010-11 एशेज में उनके स्पिनर जेवियर डोहर्टी और माइकल बीयर थे और तब कहते थे कि इन्हें तो कई रणजी टीम में भी जगह नहीं मिलेगी।

इसी समय वहां नाथन लियोन नाम के एक पतले, साधारण से दिखने वाला ऑफ स्पिनर का जिक्र शुरु हुआ- एडिलेड में ग्रेड क्रिकेट, उसके बाद दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, वहां से न्यू साउथ वेल्स और 2011 में टेस्ट टीम में थे। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में तब स्पिन के नाम पर शून्य था और ऐसे में एक ऐसा फिंगर स्पिनर मिल गया जिसका एक्शन बिलकुल सही था। सबसे बड़ा वरदान ये मिला कि 2008 में डीआरएस को एंट्री मिली और जब एक साल बाद ही आईसीसी ने इसे लागू किया तो गेंदबाजों को एक नया हथियार दे दिया।

अब डीआरएस ऑर्थोडॉक्स फिंगर स्पिनर के लिए लाइफ लाइन बन गया। रिकॉर्ड ये है कि डीआरएस की शुरुआत के बाद से स्पिनरों को मिले एलबीडब्ल्यू विकेट का प्रतिशत बढ़ रहा है और ऑस्ट्रेलिया की बाउंस वाली पिचों पर भी लियोन ने अपने लगभग 15 प्रतिशत विकेट इसी तरह से लिए हैं। ल्योन से ठीक पहले के सबसे बेहतर ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर टिम मे थे और उन्होंने 8 प्रतिशत विकेट एलबीडब्ल्यू लिए थे।

ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड ये है कि फिंगर स्पिनर ज्यादा कामयाब नहीं होते- लियोन से पहले, ऑफ स्पिनर में से ह्यू ट्रम्बल (141 टेस्ट विकेट) सबसे कामयाब थे और सिर्फ 4 (ब्रूस यार्डली, इयान जॉनसन, ट्रम्बल और मैलेट) ने 100+ विकेट लिए थे। लेग स्पिनर रिची बेनो, स्टुअर्ट मैकगिल, क्लेरी ग्रिमेट और वॉर्न ने 200+ टेस्ट विकेट लिए। इन रिकॉर्ड के बीच नोट कीजिए- लियोन ने किसी भी और ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर की तुलना में 368 ज्यादा टेस्ट विकेट ले लिए हैं। मजे की बात ये कि ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर जो और दूसरे देशों के ऑफ स्पिनर, लियोन के खेलने के दौर में खेले, वे जूझते ही रहे- ग्रीम स्वान (53 औसत से 22 विकेट), अश्विन (42, 39) और मोईन अली (115, 5)। यहां तक कि मुरली को भी 106 की औसत से 7 विकेट मिले- इन्हीं पिचों पर लियोन ने 65 टेस्ट में 251 विकेट लिए 31.2१ के औसत से।

अब मूल्यांकन करें लियोन के 500 विकेट के रिकॉर्ड का और जब अश्विन भी इस रिकॉर्ड को बना देंगे तो उनका। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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