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अगर ये कह दें कि पृथ्वी शॉ का नाम क्रिकेट में एक पहेली बना हुआ है तो गलत नहीं होगा। किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं कि पृथ्वी शॉ जुलाई 2021 में श्रीलंका के विरुद्ध टी20 इंटरनेशनल में खेलने के बाद से अब तक भारत के लिए क्यों नहीं खेले हैं? मुश्किल थीं, वे दूर हो गईं पर अब भी टीम इंडिया के लिए मौका नहीं। 
इस साल के आयरलैंड टूर के लिए टीम इंडिया में नहीं चुना। रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी इंग्लैंड में टेस्ट की तैयारियों में व्यस्त थे तो ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को टीम में रुतुराज गायकवाड़ को मौका दिया, पृथ्वी शॉ  को नहीं। 
पृथ्वी शॉ अच्छी तरह जानते हैं कि ऐसे में अपने ऊपर कैसे काबू रखना है- रन बनाए, मेहनत की, पहले से फिट भी हैं (रिपोर्ट है कि 5 किलो से ज्यादा वजन कम कर लिया है) ताकि  मौका मिले।

तब भी नहीं। नई मिसाल सामने है- टॉप क्रिकेटरों के ऑस्ट्रेलिया टूर पर जाने के बावजूद नंबर 2 टीम में पृथ्वी का नाम नहीं और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध वनडे सीरीज में नहीं खेले।इस वनडे सीरीज के लिए, ऐसे में, बल्लेबाज संजू सैमसन, ईशान किशन और रजत पाटीदार को मौका दे दिया पर पृथ्वी को नहीं- हालांकि घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और हाल ही में दलीप ट्रॉफी में दो शतक बनाए। साथ में इंडिया ए के लिए न्यूजीलैंड ए के विरुद्ध 48 गेंद में 77 रन का एक स्कोर भी। वैसे वे ऐसे पहले क्रिकेटर नहीं जिनका नाम, बिना वजह, सेलेक्टर्स की लिस्ट से बाहर होता है पर ऐसे हर केस में निराशा होती है। अब नजर सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी पर है।  
इसका मतलब है उन्हें एहसास था कि गड़बड़ कहां हो रही है- इसीलिए जिम से दोस्ती की और जीभ को लुभाने वाले खाने-पीने पर कंट्रोल। कभी भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि वे वास्तव में यो-यो टेस्ट में फेल हुए पर अब टेस्ट के लिए तैयार हैं। इसलिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी एक और इम्तिहान और जिस तरह से टीम इंडिया में मौके बन रहे हैं- वे एक ब्रेक का इंतजार कर रहे हैं।

पृथ्वी शॉ आखिरी बार जुलाई 2021 में भारत के श्रीलंका टूर पर खेले थे। रिकॉर्ड- 6 वनडे में 189 रन और एकमात्र टी20 मैच में 0 पर आउट। इन दोनों के मुकाबले टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन- 42+ औसत से 339 रन जिसमें एक स्कोर 100 का और दो स्कोर 50 के।  
ये वही पृथ्वी शॉ हैं  जिन्हें 2018 में अंडर-19 विश्व कप के बाद, भारत में एक नई टेलेंट माना था और जल्दी ही भारतीय टीम में जगह भी बना ली। वेस्टइंडीज के विरुद्ध राजकोट टेस्ट- धमाकेदार शुरुआत और डेब्यू पर शतक। गड़बड़ हुई 2018-19 ऑस्ट्रेलिया टूर से जहां टखने में चोट लग गई। उसके बाद करियर एकदम पटरी से उतर गया- फॉर्म में गिरावट,  प्रतिबंधित ड्रग्स का टेस्ट पॉजिटिव- जिसके लिए 8 महीने तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। इंदौर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान का किस्सा है ये और फिजियो से सलाह के बिना दवाई ली। संयोग से जिन दो दिन दवाई ली- उससे अगले ही दिन डोप टेस्ट हो गया। इस तरह की चीजें होती रहती हैं- यही बात खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ ने समझाने की कोशिश की ताकि वे टूटें नहीं।  
तब से घरेलू क्रिकेट में रन बनाने का सिलसिला जारी है। आईपीएल 2021 में 15 मैच में 479 रन और आईपीएल 2022 में 10 मैच में 283 रन लेकिन दोनों साल में स्ट्राइक रेट 150+ का। अब टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक और मौके का इंतजार।  

-चरनपाल सिंह सोबती

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