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हाल ही में ख़त्म हुई, इस सीजन की देवधर ट्रॉफी में, सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में टॉप पर नाम है रियान पराग (ईस्ट जोन) का- 5 मैच की 5 पारी में 354 रन पर बाकी की गिनती भी हैरान करने वाली हैं- 131 टॉप स्कोर, 88.50 औसत, 136.67 स्ट्राइक रेट, 2 स्कोर 100 वाले, 20 चौके और 23 छक्के तथा 1 फिफ्टी जिसमें वास्तव में 95 रन (फाइनल में ईस्ट जोन के विरुद्ध) बनाए। ये पूरा रिकॉर्ड पढ़ कर एक बार तो विश्वास ही नहीं होता क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही तो, आईपीएल 2023 के दौरान रियान के घटिया रिकॉर्ड की इतनी चर्चा हुई थी कि ये भी समझ नहीं आ रहा था कि राजस्थान रॉयल्स टीम उन्हें लगातार खिला क्यों रही है? यहां तक कि रियान को आईपीएल के इतिहास में सबसे घटिया बल्लेबाज का टाइटल भी दे दिया था।  

और देखिए-

  • आर समर्थ के बाद, ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जिसने देवधर ट्रॉफी के एक सीजन में एक से ज्यादा 100 बनाए
  • पहली बार लिस्ट-ए क्रिकेट में 100 बनाकर भी आउट नहीं हुए।
  • कुमार कुशाग्र के साथ तीन यादगार पार्टनरशिप 235 – पराग (131) और कुशाग्र (98), विरुद्ध नॉर्थ जोन 150 – पराग (102) और कुशाग्र (53), विरुद्ध वेस्ट जोन 105 – पराग (95) और कुशाग्र (68), विरुद्ध साउथ जोन
  • देवधर ट्रॉफी के सीजन में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड 354 – रियान पराग 2023 में  341 – मयंक अग्रवाल 2023 में  330 – विनोद कांबली 2000 में  311 – रोहन कुन्नुमल 2023 में  310 – सुरेश रैना 2005 में

इस समय सभी वैसे ही हैरान हैं जैसे 2019 में थे- अपने पहले आईपीएल सीज़न में, रियान ने 43, 47 और 50 के स्कोर के साथ सभी को चौंका दिया था। हिटिंग की लेकिन बेहतर स्ट्रोक प्ले के साथ। अगले दो सीजन में सब बदल गया और रन का मानो सूखा पड़ गया हो- 2020 और 2021 में क्रमशः 86 और 93 रन।

राजस्थान रॉयल्स के टॉप आर्डर के बल्लेबाज तो रिकॉर्ड भी वैसा ही होना चाहिए। 2022 आईपीएल सीजन में 17 मैच में 183 रन और 2022 सीजन तक रिकॉर्ड था- 47 मैच की 37 पारी में 17 से भी कम औसत से 522 रन। 2023 सीजन में 7 मैच में 78 रन और इस तरह कुल आईपीएल रिकॉर्ड- 54 मैच में 600 रन 16.22 औसत और 123.97 स्ट्राइक रेट से जिसमें 50 के दो स्कोर। अब कुछ फैक्ट नोट कीजिए :

  • जिन्हें बल्लेबाज गिनते हैं उनके पहले 54 या उससे भी कम आईपीएल मैच में- ये सबसे घटिया रिकॉर्ड है।
  • इनमें बल्लेबाजी की सबसे घटिया औसत रियान की- उनके बाद मयंक अग्रवाल  (17+)।
  • उन 12 क्रिकेटरों में से एक जिन्होंने अपने पहले 54 आईपीएल मैच में 50 वाले 2 या इससे भी कम स्कोर बनाए।

सवाल तो चर्चा में ये रहा कि इतने साधारण से रिकॉर्ड वाला 54 आईपीएल मैच कैसे खेल गया और मजे की बात ये कि टीम के नियमित क्रिकेटरों में से एक रहा। इसे आईपीएल के सबसे बड़े रहस्य में से एक माना गया।

रियान और कुशाग्र की इस बल्लेबाजी के बावजूद ईस्ट जोन का देवधर ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा नहीं हुआ (5 ग्रुप मैच में, ईस्ट जोन ने 4 गेम जीते- सिर्फ साउथ जोन से हारे और संयोग से फाइनल में भी उन्हीं से हारे) पर रियान की बल्लेबाजी इस सीजन की सबसे बड़ी चर्चा है। पांडिचेरी में ईस्ट ज़ोन ने वेस्ट ज़ोन को 157 रन से हराया उस मैच में जिसे वर्चुअल सेमीफ़ाइनल ही कहेंगे तो रियान के 102*(68)  सबसे बड़ा आकर्षण थे और इसी जीत के दम पर ईस्ट जोन ने साउथ जोन के विरुद्ध फाइनल में जगह बनाई। पराग ने लगभग हर मैच में टीम को तनाव और संकट से निकाला। कोच  कहते रहे, मैच जीतना है- रियान का जवाब था चिंता न करें मैं टीम के लिए मैच जीतूंगा। इस वेस्ट जोन वाले मैच में भी टीम को 143/4 के संकट से, नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए 6 चौके और 5 छक्के लगाकर, 300 के पार पहुंचाया था।

तो बेहतर बल्लेबाज बनने के लिए ये बदलाव कैसे हुआ और क्या ये स्थाई है या एक ही टूर्नामेंट का कमाल- इस सवाल का जवाब तो समय देगा पर हाल- फिलहाल पराग की बात पर विश्वास करना होगा। वे कहते हैं- ‘मैं अब काफी मैच्योर हो गया हूं। मुझे लगता है मैं स्पिनरों पर कुछ मूर्खता वाले शॉट लगा रहा था। मुझे स्पिनरों पर छक्का मारना पसंद है पर जबरदस्ती की कोशिश में बाहर निकल जाता था और उसी से गलती होती रही। अब समय लिया, बहुत सारे सिंगल्स दौड़े, बहुत सारे डबल्स दौड़े और आखिरी 10 ओवर में हिटिंग की।’ इससे पहले नॉर्थ जोन के विरुद्ध भी 131(102) का बड़ा स्कोर बनाया था। 
तो उन्हें इस सुधार की प्रेरणा किस से मिली- विराट कोहली से। वे कहते हैं कि विराट के अलावा किसी अन्य बल्लेबाज की ओर मत देखो- ‘मैं किसी और बल्लेबाज की ओर नहीं देखता। विराट हमारी पीढ़ी में महान बल्लेबाज हैं और मैं उन से बहुत जुड़ा हुआ हूं। उनसे बात की है, अक्सर बात करता हूं। उनके पास बहुत सारे इनपुट हैं जो मुझे वास्तव में पसंद हैं।’

21+ साल की उम्र में रियान ने क्रिकेट की दुनिया में सबसे अच्छा और सबसे बुरा दौर देख लिया है। पिता पराग दास असम के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। उनकी मां, मिठू बरुआ, नेशनल तैराक रही हैं और 50 मीटर फ़्रीस्टाइल में एक समय नेशनल रिकॉर्ड उनके नाम था।

इस तरह के प्रदर्शन ने रियान को एकदम जो चर्चा दिलाई है उससे वे कहीं न कहीं सेलेक्टर्स की लिस्ट में जरूर आ गए होंगे- इस नए दावे के साथ कि वे सिर्फ बल्लेबाज नहीं ऑलराउंडर हैं। सपना है -भारतीय जर्सी पहनना। रियान को मालूम है कि उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है पर वे इसकी चिंता नहीं करते। सबसे ख़ास बात ये कि रॉयल्स ने हमेशा उनका समर्थन किया है। वे कहते हैं- ‘टीम मेरी भूमिका को समझती है। कोई नहीं जानता कि वहां क्या चल रहा है और मैं क्या करता हूं या टीम मुझे क्यों समर्थन दे रही है? मुझे पता है कि मैं भारत के लिए खेलूंगा और मैं करूंगा।’

  • चरनपाल सिंह सोबती

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