ओवल टेस्ट में इंग्लैंड की जीत के बाद उन की बेहतर क्रिकेट, ऑस्ट्रेलिया के लिए चेतावनी और स्टुअर्ट ब्रॉड के रिकॉर्ड के साथ रिटायर होने जैसे मुद्दों की खूब चर्चा हुई। बहरहाल, इस टेस्ट के दूसरे दिन कुछ ऐसा हुआ जिसका जिक्र क्रिकेट में हमेशा होता रहेगा। खासकर उनके लिए जो क्रिकेट खेलते भी हैं। पहला है- जॉनी बेयरस्टो के स्टीव स्मिथ को रन आउट करने के बाद भी स्टीव स्मिथ को राहत और दूसरा है ब्रॉड का स्टंप्स के ऊपर रखी बेल्स छेड़ना। ये दोनों मामले बेल्स के हैं।
सबसे पहले स्टीव स्मिथ की बात- ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने सबसे ज्यादा 71 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के स्कोर में मुकाबले पर रखा। वे तो 44 पर रन आउट दे दिए गए थे- इंग्लैंड के लिए खेल चुके ऑलराउंडर मार्क के 21 साल के बेटे जॉर्ज एलहम की थ्रो पर। जॉर्ज तब, मोईन अली की जगह सब्स्टीट्यूट थे। ये ऐसा रन आउट था कि हर किसी ने गैरी प्रैट के रिकी पोंटिंग को 2005 की सीरीज में आउट करने के मशहूर किस्से को याद किया। जॉर्ज की थ्रो इतनी तेज थी कि स्मिथ ने, बचने के लिए, डाइव लगाई।
रिप्ले देखा तो पता चला कि बेयरस्टो के गेंद कलेक्ट करने से पहले, उनके हाथ से बेल्स में से एक हिल गई थी। थर्ड अंपायर के सामने सवाल था कि क्या स्मिथ का बैट लाइन पर आने से पहले बेल, अपनी जगह से, पूरी तरह से हट गई थी? बेल हटी तो पर पूरी तरह नहीं जिसका मतलब था कि ज़िंगर (फ्लैशिंग) बेल्स होती तो आउट थे लेकिन यहां मामला कम से कम एक बेल के पूरी तरह से हटने का था। तब स्कोर 193-7 था और ऑस्ट्रेलिया 90 रन से पीछे था। स्मिथ तो खुद को आउट मानकर वापस चल दिए थे लेकिन थर्ड अंपायर ने उन्हें ‘लाइफ’ दे दी।
रिप्ले को दूसरे कैमरे से, टीवी अंपायर नितिन मेनन ने देखा तो ये साफ़ हो गया कि बेल अपनी जगह से पूरी नहीं हटी थी और इस तरह स्मिथ आउट नहीं थे। टीवी और रेडियो कवरेज पर बहस छिड़ गई और आखिरकार एमसीसी ट्वीट किया मेनन के फैसले के समर्थन में और लिखा- लॉ 29.1 कहता है: विकेट तब डाउन मानते हैं जब कम से कम एक बेल पूरी तरह से हट जाती है, स्टंप के ऊपर से हटा दिया जाता है, या एक या ज्यादा स्टंप जमीन से हटा दिए जाते हैं। मेनन के फैसले से इंग्लैंड को कई रन का नुकसान हुआ।
इस सारे नज़ारे में एक बड़ी अनोखी बात हुई जिसे किसी ने नोट नहीं किया। इस ओवल टेस्ट के दूसरे दिन अगर जॉर्ज सब्स्टीट्यूट थे तो पहले दिन उनके भाई टॉमी, इंग्लैंड के लिए सब्स्टीट्यूट थे। क्या टेस्ट इतिहास में पहली बार, दो भाई को, एक ही टेस्ट में सब्स्टीट्यूट के तौर पर देखा गया?
दूसरे दिन का, दूसरा अद्भुत नजारा ये था कि जब मार्नस लाबुशेन आउट हुए मार्क वुड की गेंद पर और कैच रुट ने लपका तो विकेट गिरने पर सभी ब्रॉड को बधाई देने भागे। ऐसा क्यों हुआ? लाबुशेन ने 82 गेंद में सिर्फ 9 रन बनाए। असल में हुआ ये कि वुड की उस गेंद से ठीक पहले, ब्रॉड ने स्टंस पर रखी बेल्स को आपस में बदल दिया। ब्रॉड ने तो बाद में इसे ‘किस्मत बदलने’ की एक कोशिश कह दिया पर ये बड़ा अजीब नजारा था। ब्रॉड कहते हैं कि उन्होंने पहले कभी ऑस्ट्रेलियाई नाथन लियोन को ऐसा करते देखा था और वही किया। उस मुकाम पर इंग्लैंड को भी किस्मत के साथ की सख्त जरूरत थी। सबसे मजेदार बात ये कि ब्रॉड के ऐसा करते ही, संयोग से पहली गेंद पर ही विकेट गिर गया।
ऐसा नहीं कि छिपा कर ऐसा किया- मार्नस ने भी देखा पर वे हंस रहे थे और उस्मान से भी इस बारे में कुछ बात की थी। जैसे ही, ऐसा होने के बाद विकेट गिरा तो सब इस ‘किस्मत बदलने वाली एक छोटी सी अच्छी बात’ की चर्चा में लग गए। उस्मान ने भी ब्रॉड से कहा- ‘अगर मेरी बेल्स को हाथ लगाया तो मैं उन्हें वापस पलट दूंगा’ और चेतावनी भी दी। आउट होते ही मार्नस एकदम गुस्से में नजर आए यानि कि आउट होने के साथ ही उनकी मुस्कुराहट गायब हो गई। तो इस तरह, ब्रॉड का स्कोर कार्ड में तो नाम नहीं आया पर इस विकेट के गिरने में उनका अजीब योगदान था।
ग्लेन मैक्ग्रा ने कमेंट्री में कहा कि ब्रॉड ने ठीक नहीं किया और उनके हिसाब से तो खिलाड़ियों को, बिना मतलब, बेल्स के साथ छेड़-छाड़ का अधिकार ही नहीं। क्या वास्तव में लियोन ने भी ऐसा किया? रिकॉर्ड बताता है कि कुछ मौकों पर उन्हें ऐसा करते देखा गया और इस संदर्भ में सबसे यादगार किस्सा ओल्ड ट्रैफर्ड, 2019- एशेज के चौथे टेस्ट का है। तब इंग्लैंड का स्कोर 163-2 था और जो रूट एवं रोरी बर्न्स 138 रन की पार्टनरशिप कर चुके थे। रूट ने तब लियोन को नॉन-स्ट्राइकर स्टंप्स पर बेल्स स्विच करते हुए देखा। बर्न्स सिर्फ दो और रन तथा रूट तीन रन बनाने के बाद आउट हो गए।
ब्रॉड का ये आख़िरी टेस्ट था और उनके स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट की दुहाई वाले पहलू को किसी ने चर्चा में नहीं लिया। जब भी ऐसे किसी मसले पर बहस हुई- ब्रॉड इसी की दुहाई देते रहे हैं और ट्विटर पर अपनी राय देने से नहीं चूके। सितंबर 2022 में भारत- इंग्लैंड तनाव से भरे महिला वनडे में भी जब दीप्ति शर्मा ने चार्ली डीन को नॉन स्ट्राइकर सिरे के स्टंप्स पर गेंद फेंके जाने से पहले, क्रीज से बाहर निकलने के लिए आउट किया था तो वे दीप्ति की आलोचना करने वालों में वे सबसे आगे थे।
इसी सीरीज के दूसरे एशेज टेस्ट में जॉनी बेयरस्टो को आउट करने के तरीके पर भी ऑस्ट्रेलिया का मजाक उड़ाते उन्हें खूब देखा गया। खुद ब्रॉड ने जो किया क्या वह स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट में फिट होता है? ये था बल्लेबाज का ध्यान हटाने का मामला और अंपायर तमाशा देखते रहे।
अब तो ये भी जिक्र में आ गया है कि जस्टिन लैंगर भी ऐसा कर चुके हैं। सवाल ये है कि क्या यह सही है? अब इसी ओवल टेस्ट का आख़िरी दिन- दोपहर की लंबी बारिश के बाद सूरज फिर से चमक रहा था, मैच लाइव था और भीड़ इंग्लैंड की जीत के इंतजार में शोर कर रही थी। ऑस्ट्रेलिया के 8 विकेट गिरने के बाद, ब्रॉड को बेन स्टोक्स वापस अटैक पर ले आए। उस मुकाम पर टॉड मर्फी और एलेक्स कैरी सिरदर्द बन गए थे और इंग्लैंड को विकेट की सख्त जरूरत थी।
ब्रॉड ने तब वही किया जो मार्नस लाबुशेन के साथ किया था- इस बार मर्फी के लिए नॉन-स्ट्राइकर एंड पर किया और बेल्स आपस में बदल दीं। 9वें विकेट के लिए 35 रन जोड़ लिए थे और ब्रॉड की इस ट्रिक के बाद, अगली गेंद पर मर्फी आउट हो गए।
अगर आगे एमसीसी की तरफ से यूं छेड़-छाड़ पर कोई गाइड लाइन आ जाएं तो उनका श्रेय ब्रॉड को जाएगा।
- चरनपाल सिंह सोबती