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27 अगस्त 2023- क्रिकेट में पहला रेड कार्ड दिखाया अंपायर ने और नतीजा- सुनील नरैन ग्राउंड से बाहर। मैच था ट्रिनबागो नाइट राइडर्स (टीकेआर)- सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स, सेंट किट्स के वार्नर पार्क में और टीकेआर के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने सजा के लिए आख़िरी ओवर के दौरान अपने स्टार स्पिनर सुनील नरैन को चुना यानि कि 10 खिलाड़ियों के साथ फील्डिंग की ।

10 सितंबर 2023- सीपीएल में दूसरा रेड कार्ड। मैच था त्रिनिदाद में बारबाडोस रॉयल्स-गुयाना अमेजन वॉरियर्स और दोषी बारबाडोस के कप्तान रोवमैन पॉवेल ने आख़िरी ओवर के लिए रहकीम कॉर्नवाल को ग्राउंड के बाहर भेजा यानि कि 10 खिलाड़ियों के साथ फील्डिंग की।

टी20 क्रिकेट में कहा तो ये जाता है कि 20 ओवर की पारी 75 मिनट चलती है पर ऐसा हो कहां रहा है- आईपीएल मैच तो कई बार 4 घंटे से भी ज्यादा चल रहे हैं। इसे रोकने के लिए, आईपीएल में प्लेइंग कंडीशन बनी- तय समय के अंदर जो ओवर नहीं फेंके, उनमें 30-यार्ड सर्कल के अंदर एक अतिरिक्त फील्डर लगाना होगा। इसका साफ़ मतलब है कि बल्लेबाजों को बड़े स्ट्रोक लगाने का बोनस। आईसीसी ने सभी फॉर्मेट में नकद जुर्माना लगाया। रिकॉर्ड ये है कि इनमें से कोई भी धीमी ओवर गति की मुश्किल खत्म नहीं कर पाए। इस सीजन में, कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) ने एक नई शुरुआत की- धीमी ओवर गति को रोकने के लिए रेड कार्ड दिखाने का सिस्टम और सजा फील्डिंग में अलग-अलग प्रतिबंध। ये डब्ल्यूसीपीएल 2023 में भी लागू रहेगा। नई प्लेइंग कंडीशन/सिस्टम है-

  • टेलीविज़न अंपायर, फील्डिंग टीम को उनके ओवर रेट के बारे में अपडेट देते रहेंगे, ऑन-फील्ड अंपायरों के जरिए और साथ-साथ स्क्रीन डिस्प्ले से- चोट, डीआरएस और बैटिंग टीम के जानबूझकर समय की बर्बादी में निकले कुल समय की रियायत देने के बाद।
  • 17वां ओवर 72 मिनट 15 सेकेंड में खत्म करना होगा। ऐसा नहीं किया तो 30-यार्ड सर्कल के अंदर 4 नहीं 5 फील्डर खड़े करने होंगे।
  • 18वां ओवर 76 मिनट 30 सेकेंड में खत्म करना होगा। ऐसा नहीं किया तो 30-यार्ड सर्कल के अंदर 6 फील्डर खड़े करने होंगे।
  • 19वां ओवर 80 मिनट 45 सेकंड में खत्म करना होगा। ऐसा नहीं किया तो 20वें ओवर की शुरुआत से पहले एक फील्डर ग्राउंड से बाहर और साथ में, अभी भी 6 फील्डर सर्कल के अंदर होंगे। किसे ग्राउंड से  बाहर भेजना है ये फील्डिंग टीम के कप्तान को चुनना होगा। इससे सीपीएल और डब्ल्यूसीपीएल मैच, 10 खिलाड़ी वाली टीम और 11 खिलाड़ी वाली  टीम का मैच बन जाएंगे।
  • ऐसा नहीं कि सजा सिर्फ फील्डिंग टीम के लिए है- बैटिंग टीम, अंपायरों की पहली और आख़िरी चेतावनी के बाद भी, समय बर्बाद करना जारी रखती है तो हर ऐसी गलती पर 5 रन का जुर्माना।

इस सीजन में दो बार रेड कार्ड देख भी लिया पर सवाल ये है कि क्या सीपीएल और डब्ल्यूसीपीएल टीम को ये कंडीशन ओवर रेट बढ़ाने पर मजबूर कर पाएगी? अगर ये प्रयोग कामयाब रहा तो निश्चित तौर पर और दूसरी लीग में इसे देखने में ज्यादा देर नहीं लगेगी। इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए भी पिछले कुछ साल से गिरता ओवर-रेट परेशानी बना हुआ है। आईसीसी ने, टीमों को ग्राउंड पर खेल में तेजी के लिए मजबूर करने के लिए कई तरीके और जुर्माने के साथ कोशिश की है पर ये नहीं कह सकते कि जो नतीजा सामने आ रहा है, उससे आईसीसी खुश है।  
पिछले साल जनवरी में एक नई प्लेइंग कंडीशन लागू की- अगर फील्डिंग टीम ने 20ई पारी का आख़िरी ओवर समय पर शुरू नहीं किया तो सर्कल के बाहर एक फील्डर कम यानि कि इन-गेम जुर्माना। कितनी हैरानी की बात है कि धीमे ओवर रेट की सजा पर ऑस्ट्रेलिया ने 2021 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने का मौका गंवा दिया और ये कोई छोटा नुकसान नहीं है। तब भी सुधार कहां है? अभी हाल ही में, आईसीसी ने 2023 एशेज के बाद धीमे ओवर रेट के लिए दोनों टीम को सजा दी। 

गजब की क्रिकेट खेली गई 2023 एशेज में- हालांकि सीरीज 2-2 की बराबरी पर खत्म होने के बाद, एशेज पर ऑस्ट्रेलिया का ही अधिकार रहा। इससे आईसीसी ने उन्हें धीमे ओवर रेट के लिए माफ़ नहीं किया- दोनों टीम ने सीरीज से 28-28 पॉइंट हासिल किए पर ऑस्ट्रेलिया पर 10 पॉइंट और इंग्लैंड पर 19 पॉइंट का जुर्माना। इस समय लागू कंडीशन है- हर काम फेंके ओवर के लिए 5% मैच फीस नकद और एक डब्ल्यूटीसी पॉइंट का जुर्माना। क्या ये जुर्माना इन दोनों टीम को फाइनल खेलने की दौड़ में परेशान नहीं करेगा? तब भी क्या ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आगे ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे?

रेड कार्ड सीपीएल में धीमे ओवर रेट के लिए आए तो जरूर पर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 2008 में खुद आईसीसी क्रिकेट में रेड कार्ड शुरू करने के बहुत करीब था। वे इसे डिसिप्लिन से जोड़ रहे थे- इंटरनेशनल फुटबॉल में चल रहे कार्ड सिस्टम की तरह से। फ़ुटबॉल में येलो और रेड कार्ड हैं और आईसीसी ने यही दो कार्ड का सिस्टम सोचा-

  • पहली गलती पर येलो कार्ड- तब दिखाया जाएगा जब अंपायर की राय में किसी खिलाड़ी ने आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ा और ये एक चेतावनी होगा।
  • दूसरी गलती पर फिर से येलो कार्ड और साथ में रेड कार्ड- दोषी खिलाड़ी सीधा ग्राउंड से बाहर (उसकी जगह सब्स्टीट्यूट नहीं मिलेगा), एक मैच के लिए सस्पेंड और अंपायर एवं मैच रेफरी रिव्यू से इसे बढ़ा भी सकते हैं।

आईसीसी ने तो कार्ड शुरू नहीं किए पर रेड कार्ड एक नए इरादे के साथ क्रिकेट में आ गए हैं। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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