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आज के क्रिकेट प्रेमियों को मालूम नहीं होगा कि जब 1984 में शारजाह में पहली बार इंटरनेशनल क्रिकेट खेले थे तो क्या नज़ारा था- यूएई की टीम नहीं खेल रही थी, महज सीबीएफएस के उन प्राइवेट बेनिफिट मैचों से शारजाह की पहचान बनी थी जिनमें हज़ारों डॉलर बेनिफिट के नाम पर दिए गए ताकि विदेशी टीम खेलने आएं, स्टेडियम के चारों और मीलों तक सिर्फ रेत थी। अगर शारजाह को या यूएई को इंटरनेशनल क्रिकेट का एक सेंटर बनते नहीं देखा तो ओमान को देख लीजिए- यहां वर्ल्ड टी 20 के मैच इसे इंटरनेशनल क्रिकेट के नक़्शे पर ले आए हैं।आने वाले सालों का एक और ‘शारजाह’ बनाने की तैयारी है ये।ओमान क्रिकेट के नक्शे पर है 2021 टी20 वर्ल्ड कप के पहले राउंड में 6 मैचों की मेजबानी के लिए।

ख़ास बात ये कि ओमान टीम अपनी सरजमीं पर टी 20 वर्ल्ड कप के पहले राउंड में खेली- ये हक़ उन्हें, मेजबान होने के नाते नहीं मिला- क्वालीफाई किया। शुरुआत पापुआ न्यू गिनी पर आसान जीत के साथ की और कई नए रिकॉर्ड बनाए।ओमान- वही टीम जिसने 2016 में अपने पिछले टी 20 वर्ल्ड कप अभियान में आयरलैंड पर एक यादगार जीत हासिल की थी।

अभी वे क्रिकेट में क्या करने की टेलेंट रखते हैं और एक बड़ी टीम के तौर पर पहचान बनाने में कितने साल लगेंगे- इस सवाल के जवाब से भी ज्यादा जरूरी है ये देखना कि आखिरकार कैसे एकदम ओमान का नाम ऐसी चर्चा में आया कि वे टी 20 वर्ल्ड कप के मेजबान बन गए? सिर्फ 10 साल पहले ओमान में एक भी घास का क्रिकेट मैदान नहीं था। आज,राजधानी मस्कट से कुछ ही मील दूर अल अमीरात में एक दूसरे के बगल में दो टर्फ ग्राउंड हैं।

ओमान क्रिकेट ने अपनी आँखें खुली रखीं। जब ये चर्चा चल रही थी कि कोविड के कारण टी 20 वर्ल्ड कप को भारत से बाहर ले जा सकते हैं तो इसे ओमान ने अपने लिए एक नई ओपनिंग के तौर पर देखा। ओमान क्रिकेट एकेडमी ग्राउंड को मेजबान के तौर पर पेश कर दिया। उन्हें एहसास था कि यूएई में तीन स्टेडियम के बाद भी अगर जरूरत हुई तो पड़ोस के ओमान को मौका मिल सकता है।

जब ये चर्चा चल रही थी तो उनके स्टेडियम को वन डे और टी 20 इंटरनेशनल के आयोजन का दर्जा मिल चुका था और इस चर्चा के बीच टेस्ट दर्जा भी मिल गया- अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच टेस्ट मैचों की मेजबानी की उम्मीद में। इसलिए स्टेडियम तैयार था। तब भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत थी और आपको ये जानकर हैरानी होगी कि महज 80 दिन के अंदर स्टेडियम की शक्ल बदल गई। कुछ ख़ास बदलाव नोट कीजिए :

  • दर्शकों के लिए कोई स्टैंड नहीं थे- मैच के दिन बेंच पर बैठकर 200-300 लोग क्रिकेट देखते।अब 3 से 5 हज़ार दर्शकों का इंतज़ाम है।
  • आउटफील्ड को नए सिरे से बनाया।
  • फ्लड लाइट्स को अपग्रेड किया गया।
  • कोविड के कारण दो और ड्रेसिंग रूम बनाए ताकि दो प्रयोग हों तो अन्य दो को सेनेटाइज कर सकें।
  • स्टेडियम में बड़ी स्क्रीन लगी ताकि रिप्ले देख सकें।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया गया।
  • नए टीवी टावर लगाए।
  • 30 एयर कंडीशन कॉरपोरेट बॉक्स और एक मीडिया सेंटर बनाए।

ये सब सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं था- वहां हर फैसला सरकार लेती है जो सीधे सुल्तान से जुड़ी है। जिस जमीन पर स्टेडियम काम्प्लेक्स है- वह भी सरकार ने ही दी थी। सुल्तान, हैथिम बिन तारिक, खुद क्रिकेट प्रेमी हैं और पिछले सुलतान, चचेरे भाई काबूस बिन सैद, के साथ लॉर्ड्स में 2019 वर्ल्ड कप फाइनल के लिए शाही बॉक्स में ओमान क्रिकेट के चीफ खिमजी के साथ मौजूद थे। जनवरी 2020 में जब काबूस की मृत्यु हुई तो ओमान में वर्ल्ड कप लीग 2 क्वालीफाइंग इवेंट के मैच चल रहे थे- कई मैचों रद्द करना पड़ा।

2005 में ओमान पहली बार वर्ल्ड कप क्वालीफायर में पहुंचने में कामयाब रहा- देश में एक भी टर्फ पिच या मैदान न होने के बावजूद। 2007 में,आईसीसी के साइल एक्सपर्ट रॉय मॉर्गन ने एक स्टडी में मस्कट को दुनिया का सबसे सूखा क्रिकेट सेंटर बताया था। जब एमसीसी ने 2010 में यहां का दौरा किया, तो कीथ डच और विल गिडमैन ने रॉयल ओमान पुलिस ग्राउंड पर एक रनिंग ट्रैक पर आर्टिफिशियल पिच पर क्रिकेट खेली थी।ओमान ने 2016 टी20 वर्ल्ड कप के क्वालीफायर तक कोई ऐसा मैच नहीं खेला था जो टीवी पर सीधे दिखाया गया हो।

अब देश के 35 स्कूल फ्लड लाइट टी 20 टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट की तरह, ओमान की 60 सीनियर घरेलू टीमों में से ज्यादातर के स्पांसर कॉर्पोरेट घराने हैं, और एक भी खिलाड़ी के पास सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट नहीं है। लगभग सभी क्रिकेटर दिन भर की नौकरी में हैं और उन्हें बोर्ड मामूली स्कॉलरशिप देता है ताकि रोज़ का खर्चा पूरा हो सके।

अब यह ओमान इंटरनेशनल मैच आयोजित कर रहा है। जिस तरह से शारजाह में क्रिकेट विकास के दिनों में तकनीकी और क्रिकेट मामलों को आसिफ इकबाल ने देखा – यहां डेवलपमेंट मैनेजर और कोच, दलीप मेंडिस ने ये जिम्मेदारी निभाई – श्रीलंका के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर में से एक थे। नौकरी में ओमान ट्रांसफर हुई थी और एक नई शुरूआत का रास्ता बना।

इस खूबसूरत, पहाड़ियों से घिरे स्टेडियम को वर्ल्ड कप के लिए सिर्फ 80 दिनों में अपग्रेड कर दिया। ये कमाल कई साल बाद इतिहास का हिस्सा होगा।

  • चरनपाल सिंह सोबती

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