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कई महीने के इंतजार के बाद, ज़ी (ZEE) और सोनी (SONY) के मर्जर (विलय) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने हरी झंडी दे दी। इस तरह भारत में टीवी ब्रॉडकास्ट की दुनिया के ये दो बड़े प्लेयर एक होने जा रहे हैं और यहां इस मर्जर से क्रिकेट ब्रॉडकास्ट में होने वाले एक बड़े बदलाव के लिए जो मंच तैयार हुआ है- उसकी बात करेंगे।

क्रिकेट ब्रॉडकास्ट अधिकार में ज़ी की हिस्सेदारी की मौजूदा कहानी 2000 के दशक की शुरुआत से है। तब वे इतने बड़े थे कि अकेले आईसीसी मीडिया अधिकार के लिए भी बिड किया था। ये उन्हें नहीं मिले और उसके बाद भी क्रिकेट ब्रॉडकास्ट अधिकार में इनवेस्टमेंट की चाह के बावजूद, जब अक्सर नाकामयाब होते रहे तो उसी निराशा में इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) ले आए। नतीजा- बीसीसीआई ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया। तब से ब्रॉडकास्ट व्यापार की दुनिया में भी बहुत कुछ बदल चुका है और कई नए प्लेयर आ गए पर अब ज़ी-सोनी मर्जर, इस मंच को और रोमांचक बनाने वाला है- देखें आगे, इससे डिज्नी-स्टार और वायकॉम 18 जैसे क्रिकेट ब्रॉडकास्ट के बड़े प्लेयर को कैसी चुनौती मिलती है?

समय के साथ रिश्ते भी बदले- आज बीसीसीआई का प्रतिबंध नहीं है ज़ी पर और ये मानने वाले कम नहीं कि ज़ी-सोनी को मौका देने के लिए ही, बीसीसीआई ने न सिर्फ दो टीम वाली क्रिकेट सीरीज के ब्रॉडकास्ट अधिकार की बिक्री के लिए दावेदारी की आख़िरी तारीख 31 अगस्त रखी, अपनी एक पुरानी शर्त भी हटा दी- अब कंसोर्शियम भी इन अधिकार को खरीद सकते हैं। अगर ये शर्त रहती तो ज़ी-सोनी बिड नहीं कर सकते थे।

इस मर्जर के बाद, वास्तव में मीडिया अधिकार की बिक्री में कांटे के टकराव की जो उम्मीद लगाई जा रही है (यानि कि कीमत बढ़ेगी और सीधे बीसीसीआई का फायदा)- क्या वास्तव में ऐसा होगा ये तो समय बताएगा पर इतना तय है कि क्रिकेट को फायदा होगा। क्रिकेट बढ़ रहा है तो ब्रॉडकास्ट के लिए प्लेयर भी तो ज्यादा चाहिए। यहां तक कि जिस टकराव की अटकलें लगाई जा रही हैं- हो सकता है वह भी न हो। इसका संकेत भी मिल चुका है। देखिए- आईसीसी के भारत के ब्रॉडकास्ट अधिकार डिज्नी-स्टार ने खरीदे (2024 से शुरू- 4 साल के लिए) पर इसमें से, अचानक ही, टीवी अधिकार ज़ी को दे दिए। भले ही, बैंक गारंटी की शर्त से आई अड़चन की वजह से, ये  कॉन्ट्रैक्ट कागज पर नहीं बन सका है पर दोनों में से किसी ने भी इस कॉन्ट्रैक्ट के एग्रीमेंट को रद्द नहीं किया। सोनी ने कह दिया था कि वे इस कॉन्ट्रैक्ट की शर्त पूरी करेंगे पर मर्जर के बाद। अब इस कॉन्ट्रैक्ट को भी स्याही से लिख दिया जाएगा और नतीजा ये रहेगा कि आईसीसी मैचों का ब्रॉडकास्ट 2024 से ज़ी-सोनी प्लेटफॉर्म पर भी होगा। तो, ऐसे में वे, डिज्नी- स्टार के साथ टकराव क्यों करते रहेंगे?

डिज्नी-स्टार ने खरीदे आईसीसी अधिकार में से, भारतीय बाजार के लिए, टेलीविजन  ब्रॉडकास्ट अधिकार का जो लाइसेंस ज़ी को देने का एग्रीमेंट किया है उसमें पुरुष और अंडर 19 क्रिकेट है। डिज्नी-स्टार इन अधिकार के लिए करीब 3 अरब डॉलर खर्च कर रहे हैं। उन्होंने डिजिटल अधिकार अपने पास रखे हैं – डिज्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए। इस तरह, इस में पुरुष टी20 वर्ल्ड कप (2024, 2026), पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी (2025) और पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप (2027) सहित अन्य बड़े आईसीसी आयोजन शामिल हैं।

ज़ी-सोनी मर्जर के बाद, 2024 से आईसीसी ब्रॉडकास्ट इनके चैनल पर होने से, वास्तव में एक नए युग की शुरुआत होगी। आईसीसी ब्रॉडकास्ट के बाद और दूसरे इवेंट पर भी तो ऐसे ही कॉन्ट्रैक्ट हो सकते हैं।  क्रिकेट ब्रॉडकास्ट इतने बड़े और महंगे होते जा रहे हैं कि किसी एक कंपनी के लिए इन्हें खरीदना आसान नहीं रहा और इस बात को आईसीसी ने भी मान लिया है- इसीलिए ही तो हालांकि, डिज्नी+स्टार का, खरीदे अधिकार में से हिस्सा ज़ी को देना, उनके आईसीसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार गलत था पर आईसीसी ने इसे मंजूरी दे दी। बाजार के लिए ये कितना ख़ास फैसला था- इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 30 अगस्त 2022 को इस एग्रीमेंट की घोषणा होते ही, बीएसई पर ज़ी लिमिटेड के शेयर 2.31 प्रतिशत बढ़कर 256.90 रुपये पर बंद हुए।

अब हर नजर दो टीम बाली सीरीज के लिए बीसीसीआई के ब्रॉडकास्ट अधिकार बेचने की आख़िरी तारीख (इनके बारे में विस्तार से पढ़ें : https://allaboutcric.com/information/bcci-expecting-less-price-for-bilateral-series-media-rights/)  31 अगस्त पर है। क्या ज़ी-सोनी क्रिकेट बाजार में पहले से मौजूद डिज्नी+स्टार और वायकॉम 18 जैसे मजबूत प्लेयर को चुनौती देंगे/उनके लिए खतरा बनेंगे? क्या इन अधिकार की घटती कीमत की अटकलें खत्म हो कर, वास्तव में मीडिया अधिकार की कीमत बढ़ेगी?

डिज्नी+स्टार पोर्टफोलियो में आईपीएल (2023-27) टीवी अधिकार, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (2023-2030) के टीवी+डिजिटल अधिकार, बीसीसीआई टीवी+डिजिटल अधिकार (2023) और क्रिकेट साउथ अफ्रीका के टीवी+ डिजिटल अधिकार (2023-2024 के अंत तक) भी हैं। जानकार ये मान रहे कि डिज्नी+स्टार और ज़ी+सोनी दो ऐसे बड़े नेटवर्क बन जाएंगे जिससे भारत के स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्ट बाजार में वायकॉम 18 को चुनौती दे सकेंगे। वायकॉम 18 ने स्पोर्ट्स18 के नाम से एक स्पोर्ट्स चैनल भी लांच कर लिया है।

वह जून 2000 के दिन थे जब आईसीसी मीडिया अधिकार की बिक्री में ज़ी टीवी के सबसे बड़े बिड के बावजूद आईसीसी ने अधिकार उन्हें न दे कर, लगभग 50 मिलियन डॉलर कम देने वाले रूपर्ट मर्डोक के सपोर्ट वाले ग्लोबल क्रिकेट कॉरपोरेशन (जीसीसी) को दे दिए थे। तब से ज़ी के लिए बहुत कुछ बदल चुका है। क्रिकेट ब्रॉडकास्ट बाजार में वे फिर से आ रहे हैं। 

  • चरनपाल सिंह सोबती

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