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ये कहना गलत नहीं होगा कि आईपीएल के इन दिनों में दक्षिण अफ्रीका-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज को वह चर्चा मिली ही नहीं, जो जरूरी थी। दक्षिण अफ्रीका, मेजबान टीम ने अपने फ्रंट लाइन अटैक के बिना, सीरीज जीती। सिर्फ ये ही नहीं, दूसरे टेस्ट के दौरान एक और ऐसी बात हुई जिसके लिए इस टेस्ट को हमेशा चर्चा मिलेगी-  हाल फिलहाल किसी ने भी इस पर भी ध्यान नहीं दिया।  

413 रन के लक्ष्य के सामने बांग्लादेश ने चौथी सुबह 27-3 से आगे खेलना शुरू किया तो वहीं इतिहास बना :
*  दक्षिण अफ्रीका के सरेल इरवी और वियान मुल्डर- कोविड पॉजिटिव घोषित हो चुके थे। *  इसके साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट के पहले दो कोविड सब्स्टीट्यूट देखने को मिले- उनकी जगह क्रमशः खाया ज़ोंडो (टेस्ट डेब्यू) और ग्लेनटन स्टुरमैन ने ली।
*  खाया ज़ोंडो को केशव महाराज ने ‘टेस्ट कैप’ दी।*  दक्षिण अफ्रीका ने चौथे दिन ही टेस्ट 332 रन से जीत लिया- दोनों कोविड सब्स्टीट्यूट ने न तो बल्लेबाजी की और न गेंदबाजी।  
इस तरह से कोविड प्रभावित क्रिकेट में नई-नई बातों को देखने का सिलसिला जारी है और अब इंटरनेशनल क्रिकेट में भी ठीक कनकशन सब्स्टीट्यूट की तरह टेस्ट कैप के साथ, कोविड सब्स्टीट्यूट की शुरुआत हो गई है। इसे भले ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति कह दें पर किसी न किसी दिन तो ऐसा होना ही था। ये टूर मैनेज्ड इवेंट एनवायरनमेंट (एमईई) प्रोटोकॉल के तहत चला, न कि सख्त बायो-सेफ एनवायरनमेंट (बीएसई) प्रोटोकॉल में। इसमें प्रबंधित वातावरण का मतलब है खिलाड़ी को होटल के कमरों से बाहर जाने की इजाजत है लेकिन इस सलाह के साथ कि जहां तक संभव हो- खुले में रहें।  
तो इंटरनेशनल क्रिकेट में भी वह शुरुआत हो गई जिसे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में देख चुके थे।  फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे पहला कोविड सब्सटीट्यूट : न्यूजीलैंड में 2020 में।कौन : मार्क चैपमैन की जगह, अक्टूबर 2020 से शुरू मैच में, ओटागो के विरुद्ध, बेन लिस्टर ऑकलैंड टीम के सब्सटीट्यूट थे। चैपमैन के कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें हटा दिया था।   इंग्लिश फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे पहला कोविड सब्सटीट्यूट : 2021 सीजन में।कौन : मई 2021 में, समरसेट के जैक ब्रूक्स इंग्लिश काउंटी क्रिकेट के पहले कोविड-19 सब्सटीट्यूट बने- टुनटन में मिडलसेक्स के विरुद्ध चैम्पियनशिप मैच के तीसरे दिन लुईस ग्रेगरी की जगह ली। असल में ग्रेगरी की गर्ल फ्रेंड बीमार थीं- वे तो कोविड नेगेटिव निकलीं पर इंग्लैंड के वाइट बॉल ऑलराउंडर को दूसरी टेस्ट की रिपोर्ट आने तक हटा दिया।    
कोविड के प्रकोप को देखते हुए, क्रिकेट को फिर से शुरू करने की चाह में, मई 2020 में ही आईसीसी ने कई नई प्लेइंग कंडीशंस को मंजूरी दी थी- कोविड सब्सटीट्यूट उनमें ही थे। इनकी सिफारिश अनिल कुंबले की क्रिकेट कमेटी ने की थी। कोविड-19 रिप्लेसमेंट: टीमों को टेस्ट मैच के दौरान कोविड-19 के लक्षण दिखाने वाले खिलाड़ियों को बदलने की इजाजत होगी। कंकशन रिप्लेसमेंट के अनुरूप, मैच रेफरी सबसे नजदीक ‘लाइक-फॉर-लाइक रिप्लेसमेंट’ को मंजूरी देंगे। ध्यान रहे- कोविड-19 सब्सटीट्यूट वन डे और टी 20 इंटरनेशनल में लागू नहीं हैं। प्लेइंग कंडीशंस में साफ़ लिखा है कि किसी खिलाड़ी में वायरस के लक्षण दिखाई देने पर भी उसकी जगह सब्सटीट्यूट आ सकता है। एक बार बदल दिए जाने के बाद, कोई खिलाड़ी उस मैच में वापस नहीं आ सकता है, भले ही वह कोविड टेस्ट में नेगेटिव निकले।
इस संदर्भ में जनवरी 2022 की एक स्थिति का जिक्र जरूरी है। सिडनी एशेज टेस्ट शुरू होने के समय मेलबर्न में आइसोलेशन में थे ट्रेविस हेड- इसीलिए उन्हें सिडनी टेस्ट में नहीं खिलाया।  क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा- वे तब भी सिडनी टेस्ट में शामिल हो सकते हैं। कैसे? असल में उनका आइसोलेशन सिडनी टेस्ट के दौरान ही ख़त्म हो रहा था- इसलिए जरूरत पड़ने पर वे कोविड सब्सटीट्यूट के तौर पर टेस्ट में शामिल हो सकते हैं बशर्ते टेस्ट में नेगेटिव निकलें। 
क्या ऐसा हो सकता है? इस सवाल का जवाब तो किसी ने भी नहीं सोचा था। एक खिलाड़ी जिसे टेस्ट शुरू होने के समय वायरस के कारण टीम में नहीं लिया- क्या वह उसी टेस्ट में बाद में हिस्सा ले सकता है? ऐसी विचित्र घटना वहां तो नहीं हुई पर किसी भी दिन ऐसा नजारा भी देखने को मिल सकता है। इसी का फायदा उस्मान ख्वाजा को मिला- 2019 एशेज के यादगार हेडिंग्ले टेस्ट के बाद डंप किए जाने के बाद बैगी ग्रीन में टीम में हेड की जगह ली और उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
टेस्ट क्रिकेट में कोविड सब्सटीट्यूट की शुरुआत हो चुकी है- अब इसी से जुड़े किस्से सामने आते रहेंगे।  
-चरनपाल सिंह सोबती 

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